पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को आरोप लगाया कि राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आने के बाद से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के खिलाफ अपराध तेजी से बढ़े हैं तथा मुख्यमंत्री को इन मामलों का संज्ञान लेकर दलितों एवं आदिवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
शेरगढ़ में हुई एक घटना की खबर साझा करते हुए गहलोत ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, “राजस्थान में हमारी सरकार के दौरान अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विरुद्ध होने वाले अपराधों पर त्वरित कार्रवाई की जाती थी एवं पुलिस हमेशा पीड़ित पक्ष के साथ मजबूती से खड़ी दिखती थी।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बदलने के बाद से ही प्रदेश में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के खिलाफ अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि दलितों एवं आदिवासियों के विरुद्ध अपराधों में दिसंबर 2023 की तुलना में 2024 के जनवरी, फरवरी, मार्च, अप्रैल, मई और जून में क्रमश: 32.7 फीसदी, 33.7 प्रतिशत, 34.1 फीसदी, 19.5 प्रतिशत, 62.5 फीसदी एवं 53.37 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
गहलोत ने कहा कि जोधपुर की यह घटना दिखाती है कि दलितों के खिलाफ अत्याचारों पर सरकार और पुलिस का कोई ध्यान नहीं है।”
उन्होंने दावा किया, “पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं पा रही है, लेकिन आरोपी पीड़ितों पर आसानी से हमले कर पा रहे हैं।”
गहलोत ने कहा कि ऐसी घटनाएं राजस्थान की सरकार के ‘माथे पर कलंक’ हैं जिनकी जिम्मेदारी से ‘वह बच नहीं सकती है।’
उन्होंने कहा, “ मुख्यमंत्री जी को स्वयं संज्ञान लेकर दलितों एवं आदिवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।