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Cyclone Biparjoy: दिखने लगा असर, 21,000 लोगों को आश्रयस्थल भेजा गया, NDRF की टीमें तैनात, 69 ट्रेनें रद्द

शक्तिशाली चक्रवात बिपरजॉय ने चिंता की लकीरें बढ़ा दी हैं। तटीय क्षेत्रों से 21,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसका असर भी दिखने लगा है। द्वारका के गोमती घाट पर चक्रवात ‘बिपरजोय’ का प्रभाव देखने को मिल रहा है। ज्वार की लहरें समुद्र में ऊंची उठ रही हैं। ड्रोन वीडियो कच्छ के कांडला पोर्ट से है जहां चक्रवाती तूफान बिपरजोय को लेकर तैयारियां की गई हैं। बिपरजोय’ के गुजरात तट की ओर बढ़ने के मद्देनजर पुलिस ने भुज तट पर गश्त की। इसके साथ ही राहत और बचाव के लिए बड़ी टीम को तैनात किया गया है। 
 

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चक्रवात बिपरजोय की तैयारियों की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य जीरो कैजुअल्टी सुनिश्चित करना और संभावित नुकसान को कम करना है। उन्होंने कहा कि 12 जून को उनकी अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के दौरान पीएम मोदी द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण निर्देशों पर तेजी से कार्य करने की आवश्यकता है। 

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा (बिपरजोय) से निपटने के लिए पर्याप्त उपाय किए हैं। आपदा प्रबंधन के सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। बचाव, राहत और पुनर्वास व्यवस्था सुनिश्चित की है। मैं सभी से अपील करता हूं कि समय-समय पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें और घर के अंदर रहें। यदि आवश्यक हो अगर किसी को स्थानांतरित करना है, तो प्रशासन के साथ सहयोग करें। गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि बिपरजोय के मद्देनजर द्वारका जिला प्रशासन ने समंदर के तट पर बसे 38 और आस-पास के 44 गांव के निचले इलाकों पर रहने वाले 4 हजार परिवारों को स्थानांतरित किया है। 138 महिलाओं की 20 तारीख से पहले डिलीवरी होनी है उन्हें उनके परिजन के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार चक्रवात ‘बिपारजॉय’ से व्यापक क्षति होने की आशंका है और गुजरात के कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर जिले इससे सबसे अधिक प्रभावित हो सकते हैं। अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य तट से 10 किलोमीटर के इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि अब तक चक्रवात से संबंधित एक मौत दर्ज की गई है राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, ‘‘हमने उन तटवर्ती इलाकों के निकट रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पहले ही शुरू कर दिया है, जिनके चक्रवात से सबसे अधिक प्रभावित होने की आशंका है। अभी तक विभिन्न जिला प्रशासनों ने करीब 21,000 लोगो को अस्थायी आश्रय स्थलों पर पहुंचाया गया है।’’ 

CPRO पश्चिम रेलवे सुमित ठाकुर ने बताया कि 69 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, 32 ट्रेनों को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है जबकि 26 ट्रेनों को यात्रियों की सुरक्षा और चक्रवात बिपरजोय की शुरुआत के संबंध में ट्रेन संचालन के मद्देनजर एहतियाती उपाय के रूप में शॉर्ट-ऑरजिनेट किया जाएगा।  

चक्रवात बिपरजोय पर NDRF DIG मोहसिन शाहिदी ने कहा कि जिन इलाकों में ज्यादा क्षति होने की आशंका है वहां से लोगों को हटाया जा रहा है, अब तक 28 हजार लोगों को हटाया जा चुका है। हमने NDRF की 17 व SDRF की 13 टीमें तैनात की है। इसके अलावा हमने और 15 टीमों को आरक्षित रखा है। कच्छ, पोरबंदर, द्वारका, राजकोट, जुनागढ़ व मोरबी में हमारी टीमें तैनात हैं। सरकार ने कहा है कि प्रभावित जिलों देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की 17 और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 12 टीम पूरी तरह तैयार हैं। 

अहमदाबाद आईएमडी की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि चक्रवात के 15 जून की शाम को 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ जखाऊ बंदरगाह के पास कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान के कराची के बीच पार करने की संभावना है। उन्होंने कहा कि सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय हिस्सों, खासकर कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों में तेज हवाओं के साथ बेहद भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। समुद्र 14 जून तक बहुत अशांत रहेगा, 15 जून को इसका स्तर और बढ़ जाएगा। 21,000 लोगों में से कच्छ जिले से करीब 6,500, देवभूमि द्वारका से 5,000, राजकोट से 4,000, मोरबी से 2,000, जामनगर से 1,500 से अधिक, पोरबंदर से 550 और जूनागढ़ जिले से 500 लोगों को निकाला गया। 
 

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने मंगलवार को भुज में गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश गणेशभाई के साथ मिलकर चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के मद्देनजर केंद्र और राज्य प्रशासन द्वारा तैयारी के सिलसिले में उठाये गये कदमों की समीक्षा की। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय गुजरात समेत पश्चिमी तट के सभी राज्यों के अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के निरंतर संपर्क में है और उन्हें चक्रवात के सिलसिले में तैयारी हेतु जरूरी सहयोग देने का निर्देश दिया गया है। वैसे अबतक सहयोग का कोई अनुरोध मंत्रालय को नहीं प्राप्त हुआ है।

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