कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवात मोखा की संभावित तबाही से निपटने के लिए ऐहतियाती कदम उठाए हैं और राज्य के निचले तथा तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेज दिया गया है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी के मुताबिक, पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना जिलों के निचले तटीय इलाकों और सुंदरवन के कुछ इलाकों में सुरक्षित आश्रयों में तिरपाल, पीने के पानी के पैकेट, दूध पाउडर, सूखा भोजन, शिशु आहार और दवाएं भेजी गई हैं।
अधिकारी ने पीटीआई-को बताया, ‘‘ हालांकि, मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि चक्रवात मोखा पश्चिम बंगाल को चकमा देगा, लेकिन हमने चक्रवात के रुख में किसी भी प्रकार का बदलाव होने की स्थिति को ध्यान में रखते हुए सभी ऐहतियाती कदम उठाए हैं।
इसे भी पढ़ें: राकांपा नेता Jayant Patil ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए, पारिवारिक व्यस्तताओं को कारण बताया
हमने दक्षिण 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर के निचले तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया है और इन क्षेत्रों में पर्याप्त राहत सामग्री भेजी गई है। ’’
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि चक्रवाती तूफान मोखा के बांग्लादेश-म्यांमा सीमा पर रविवार को दस्तक देने की आशंका है।
अधिकारी ने कहा कि आपदा प्रबंधन दल, नागरिक स्वयंसेवक समूह पर्यटकों के बीच लोकप्रिय दीघा, शंकरपुर, बक्खाली क्षेत्रों में पहुंच गए हैं।
मछुआरों और पर्यटकों को शुक्रवार से तीन दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की आठ खोजी और बचाव इकाइयां बृहस्पतिवार रात पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा पहुंच गईं।