कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सागर जिले में एक दलित युवक की हत्या के मामले में बुधवार को मध्य प्रदेश के शहरी प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के खिलाफ विभिन्न आरोप लगाते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग की।
दिग्विजय ने नितिन अहिरवार उर्फ लालू के परिजनों से मुलाकात की, जिनकी 24 अगस्त को पुरानी दुश्मनी के कारण बरोदिया नोनागीर गांव में लोगों के एक समूह ने कथित तौर पर पीटकर हत्या कर दी थी। भूपेंद्र सिंह खुरई विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं जहां यह घटना घटी।
दिग्विजय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने इस तथ्य को छिपाया कि मृतक नितिन की बहन को 2019 में कुछ लोगों ने परेशान किया था।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में आरोप लगाया, ‘‘लेकिन मंत्री के दबाव के कारण इस कृत्य का उल्लेख नहीं किया गया और 2019 में केवल (बहन के साथ) मारपीट करने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई। अगर प्रशासन ने उस समय सख्त कार्रवाई की होती, तो कोई भी उसके भाई की हत्या करने की हिम्मत नहीं करता।
उन्होंने कहा कि 2019 के मामले में आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और अदालत ने रिहा कर दिया।
दिग्विजय ने दावा किया, ‘‘प्रशासन पर मंत्री का दबाव है। पुलिस मंत्री के गुलामों की तरह व्यवहार कर रही है। कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? 2019 से 2023 तक चार साल तक परिवार पर (2019 मामले में) समझौते के लिए दबाव डाला गया।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मृतक की मां पर समझौता करने के लिए दबाव डाला गया और उनके बेटे की हत्या से पहले धमकी दी गई थी।
दिग्विजय ने आरोप लगाया, भाजयुमो नेता अंकित ठाकुर का नाम प्राथमिकी में दर्ज नहीं किया गया, जबकि मृतक के परिवार ने अपनी शिकायत में उसके बारे में कहा था।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नितिन के बड़े भाई विष्णु के साथ 2019 में मारपीट की गई और उन्हें जूते चाटने के लिए मजबूर किया गया।
एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि पुलिस ने प्राथमिकी में नामजद आठ आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में वांछित तीन से चार अन्य लोगों की तलाश जारी है।