मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में प्रशासन ने पिछले सप्ताह वरखड़ी गांव में दो दलित युवकों की पिटाई के आरोपी कुछ लोगों के अवैध मकानों’ को बृहस्पतिवार को ध्वस्त कर दिया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई भी शुरू की गई है।
इसमें बिना मुकदमे के एक साल तक हिरासत में रखने का प्रावधान है।
अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने 3.22 हेक्टेयर वन भूमि पर अतिक्रमण करके मकान बनाए थे, जिन्हें बुलडोजर से हटा दिया गया।
इससे पहले दिन में राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने दो दलित व्यक्तियों की पिटाई को मानवता पर शर्म करार दिया था और इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए विपक्षी कांग्रेस की आलोचना की थी।
उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर मामले को दबाने के लिए अधिकारियों को फोन करने का भी आरोप लगाया।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार इस सप्ताह की शुरुआत में तब मुश्किल स्थिति में घिर गई थी जब सीधी जिले में एक आदिवासी युवक पर एक व्यक्ति के पेशाब करने का वीडियो सामने आया जिसको लेकर भारी आक्रोश उत्पन्न हो गया था। मध्य प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि 30 जून को शिवपुरी जिले के वरखड़ी गांव में दो दलित युवकों को अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों ने कथित तौर पर इस संदेह में पीट दिया था कि उन्होंने कुछ लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की और उनका वीडियो बनाया।
मगरोनी पुलिस चौकी के प्रभारी दीपक शर्मा ने बुधवार को कहा, ‘‘अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के एक समूह ने दो लोगों की पिटाई की, उनके चेहरे पर कालिख पोत दी, उन्हें जूतों की माला पहनाई और वरखड़ी गांव में जुलूस निकाला।
उन्होंने कहा कि जांच के दौरान दोनों व्यक्तियों पर लगाए गए छेड़छाड़ के आरोप गलत साबित हुए। उन्होंने कहा कि दोनों ने गांव की कुछ लड़कियों से केवल फोन पर बात की थी और उनसे मुलाकात नहीं की थी
मिश्रा ने कहा, ‘‘दलित एवं अनुसूचित जाति के लोगों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया, उन्हें जूतों की माला पहनाई गई, उनके मुंह में मल ठूंस दिया गया और बाद में उनके खिलाफ अमानवीय कृत्य किए गए।’’
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में इस तरह की हरकतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
भाजपा की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने घटना की निंदा की और आश्चर्य जताया कि कांग्रेस अपनी ‘‘तुष्टीकरण नीति’’ के कारण इस मुद्दे पर ‘‘चुप्पी’’ साधे हुए है।