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अब मिल रहा दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को उचित सम्मान : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार के शासनकाल में दलितों, अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आदिवासियों को उचित सम्मान मिल रहा है जबकि पिछली सरकारों ने ‘‘इन वर्गों की उपेक्षा की और उन्हें केवल चुनावों के दौरान याद किया।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पिछली सरकारें गरीबों को पानी उपलब्ध कराने में विफल रहीं जबकि उनकी सरकार के दौरान जल जीवन मिशन के कारण दलित बस्तियों, पिछड़े इलाकों और आदिवासी क्षेत्रों को अब नल से जल मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने सागर जिले के बडतूमा में समाज सुधारक और कवि संत रविदास के 100 करोड़ रुपये की लागत वाले मंदिर-सह-स्मारक के निर्माण के लिए भूमि पूजन और आधारशिला रखने के बाद मध्य प्रदेश के सागर जिले के ढाना गांव में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित किया।
भूमि पूजन के बाद मोदी ने संत रविदास की मूर्ति के सामने हाथ जोड़कर प्रणाम किया।

समारोह में उन्होंने आगामी स्मारक-सह-मंदिर के लघु मॉडल का भी निरीक्षण किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘संतों की कृपा से कुछ देर पहले मुझे इस पवित्र स्मारक के भूमि पूजन का पुण्य अवसर मिला है। पूज्य संत रविदास जी के आशीर्वाद से मैं विश्वास से कहता हूं कि आज मैंने शिलान्यास किया है, एक-डेढ़ साल के बाद मंदिर बन जाएगा तो लोकार्पण के लिए भी मैं जरुर आऊंगा और संत रविदास जी मुझे यहां अगली बार आने का मौका देने ही वाले हैं।’’
मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं जबकि आम चुनाव अगले साल मई में होने हैं।
भक्ति आंदोलन के संत-कवि को उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा के कुछ हिस्सों में आध्यात्मिक शिक्षक के रूप में सम्मानित किया जाता है, जिन्होंने जाति और लिंग के सामाजिक विभाजन को दूर करना सिखाया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रविदास जी ने उस कालखंड में जन्म लिया जब देश पर मुगलों का शासन था तथा समाज अस्थिरता, उत्पीड़न और अत्याचार से जूझ रहा था।

उन्होंने कहा कि उस समय भी रविदास जी समाज को जागृत कर रहे थे, वह उसे बुराइयों से लड़ना सिखा रहे थे।
मोदी ने पिछली सरकारों पर दलित एवं वंचित वर्गों की उपेक्षा करने और केवल उन्हें चुनाव के दौरान याद करने का आरोप लगाया।
मोदी ने कहा, ‘‘दशकों तक शासन करने वाली सरकारें गरीबों को पानी उपलब्ध कराने में विफल रही हैं, जबकि जल जीवन मिशन के कारण अब दलितों, पिछड़े इलाकों और आदिवासी क्षेत्रों को नल से जल मिल रहा है।
उन्होंने कहा, हमारी सरकार दलितों, ओबीसी और आदिवासियों को उचित सम्मान दे रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र गरीब कल्याण, आदिवासियों को शिक्षा और बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है।
उन्होंने अपनी सरकार द्वारा किए गए अन्य उपायों में लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना, एससी/एसटी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति, दलितों और आदिवासी युवाओं के लिए मुद्रा ऋण योजना का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज लोग आयुष्मान कार्ड को ‘मोदी कार्ड’ कहते हैं। गरीबों के पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य संबंधी बिल का भुगतान आपका यह बेटा कर रहा है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि हजारों गांवों की मिट्टी और 300 से अधिक नदियों का पानी संत रविदास के आगामी मंदिर-सह-स्मारक का हिस्सा बन जाएगा।
इस कार्यक्रम में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा जारी समरसता (सद्भाव) यात्राओं का समापन भी हुआ, जो 25 जुलाई को राज्य के पांच स्थानों से शुरू की गई थीं।
ढाना में मोदी ने विभिन्न सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखने के अलावा बीना-कोटा रेलवे लाइन के दोहरीकरण परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया।
कोविड महामारी के दौर को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने तय किया था कि कोरोनो वायरस प्रकोप के दौरान कोई भी खाली पेट नहीं सोएगा।

उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना महामारी में पूरी दुनिया की व्यवस्थाएं ठप्प पड़ गईं, भारत के गरीब, दलित, आदिवासी के लिए हर कोई आशंका जता रहा था, कहा जा रहा था कि समाज का यह तबका कैसे रह पाएगा। तब मैंने तय किया कि चाहे जो हो जाए, मैं अपने गरीब भाई-बहनों को खाली पेट सोने नहीं दूंगा।’’
मोदी ने कहा, कोरोना वायरस काल में गरीबों के लिए हमारी मुफ्त राशन योजना की दुनिया भर में सराहना हो रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में दलित और आदिवासी समाज को वो सम्मान मिल रहा है, जिसके वे हकदार थे। उन्होंने कहा कि आज देश सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘अमृत कल के अगले 25 वर्षों में विरासत को आगे बढ़ाना और अतीत से सबक लेना हमारी जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने कहा कि गरीबों के सिर पर छत हो यह सुनिश्चित करने के लिए (प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत) घरों का निर्माण किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज हम देश के सात करोड़ भाई-बहनों को ‘सिकल सेल’ से मुक्ति के लिए अभियान चला रहे हैं। देश को 2025 तक टीबी मुक्त बनाने के लिए काम हो रहा है। इन बीमारियों से सबसे ज्यादा वंचित और गरीब परिवार शिकार होते थे।’’
अधिकारियों के मुताबिक, समाज सुधारक को समर्पित यह मंदिर-सह-स्मारक 11 एकड़ भूमि में फैला होगा। यह संरचना संत रविदास की शिक्षाओं को प्रदर्शित करेगी और इसमें एक संग्रहालय, आर्ट गैलरी और अन्य सुविधाओं के अलावा भक्तों के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी।

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