अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में शुक्रवार को आहूत दिनभर के बंद के कारण जनजीवन प्रभावित रहा। अरुणाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एपीपीएससी) के प्रश्नपत्र के कथित रूप से लीक होने के संबंध में पैन-अरुणाचल ज्वाइंट स्टीयरिंग कमेटी-एपीपीएससी की 13 सूत्री मांगों को लेकर यह बंद आयोजित किया गया था।
बंद सुबह पांच बजे शुरू हुआ था और इसमें नाराज परीक्षार्थी एवं उनके अभिभावकों समेत हजारों लोग शामिल हुए, जो शुक्रवार शाम को एपीपीएससी के नए अध्यक्ष के निर्धारित शपथ ग्रहण को रद्द करने की मांग को लेकर सुबह-सुबह ईटानगर की सड़कों पर उतर आए।
उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पोस्टर को भी नुकसान पहुंचाया जो दो दिवसीय दौरे पर 20 फरवरी को पूर्वोत्तर राज्य आने वाली हैं।
अधिकारियों ने बताया कि कई प्रदर्शनकारी एवं पुलिसकर्मी झड़प में घायल हो गये और पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा एवं आंसूगैस के गोले दागने पड़े।
उन्होंने बताया कि पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर थे, हालांकि स्थिति फिर भी तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में बताई जा रही है।
बंद के दौरान राजधानी में कई कारोबारी संस्थान, बाजार, बैंक, शिक्षण संस्थान, सरकारी और निजी कार्यालय बंद रहे और सड़क पर वाहन भी नहीं दिखे।
स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री पेमा खांडू को पैन-अरुणाचल ज्वाइंट स्टीयरिंग कमेटी-एपीपीएससी को उनकी मांग पर चर्चा करने के लिए 11 बजे सचिवालय में बुलाना पड़ा। उन्होंने उससे प्रदर्शन बंद कर देने की भी अपील की और कहा कि सरकार घायलों के इलाज का खर्च उठाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा इरादा आयोग में आमूलचूल बदलाव करना एवं उन निर्दोष अभ्यर्थियों को राहत प्रदान करना है जो दुर्भाग्य से इस पेपर लीक घोटाले के शिकार हो गये। इसी सोच के साथ हमने एपीपीएससी अध्यक्ष एवं उसके सदस्यों के पदों को भरने के लिए विज्ञापन दिया तथा आयोग को यथाशीघ्र क्रियाशील करने के लिए निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया।’’
कमेटी मांग कर रही है कि एपीपीएससी द्वारा आयोजित वे सभी परीक्षाएं जिनके प्रश्नपत्र लीक हुए थे, को अमान्य घोषित किया जाए, पूर्व आयोग के अध्यक्ष, सचिव, सदस्यों और अन्य अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए, मामले में अदालत की निगरानी में और प्रवर्तन निदेशालय से जांच कराई जाए तथा इसमें (पेपर लीक में) शामिल राज्य सरकार के अधिकारियों की तत्काल बर्खास्त किया जाए।