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रुद्रप्रयाग सड़क हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 15 हुई, जबकि 11 घायलों में से चार की हालत गंभीर बनी हुई है

देहरादून। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हुए सड़क हादसे में एक और घायल के दम तोड़ने के बाद मरने वाले पर्यटकों की संख्या बढ़कर 15 हो गयी है जबकि 11 घायलों में से चार की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स)-ऋषिकेश की ट्रामा सर्जन रूबी कटारिया ने बताया कि शनिवार को दुर्घटना के बाद हवाई एंबुलेंस के जरिए यहां लाए गए घायलों में से एक ने देर रात दम तोड़ दिया। उन्होंने बताया कि इस मरीज को अस्पताल में ब्रेन डेड की स्थिति में लाया गया था जिसके बाद इसे जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। 
कटारिया ने कहा कि शेष चार घायल भी गंभीर स्थिति में हैं और उन्हें वार्ड में शिफ्ट करने में अभी काफी समय लगेगा। रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय से करीब चार किलोमीटर पहले रैतोली गांव के पास शनिवार को एक टेम्पो-ट्रैवलर सड़क से नीचे अलकनंदा नदी के किनारे तक जा गिरा था, जिससे उसमें सवार 10 व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गयी थी जबकि चार अन्य लोगों ने अस्पताल ले जाते समय रास्ते में अथवा अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया था। इसके अलावा, रुद्रप्रयाग जिला अस्पताल में भर्ती इस हादसेके पांच घायलों को रविवार को छुटटी दे दी गयी। दो अन्य घायलों को सोमवार को छुटटी दे दी जाएगी। 
उधर, हादसे की जांच के लिए पौड़ी के संभागीय परिवहन अधिकारी के नेतृत्व में भेजी गयी लीड एजेंसी मौके पर पहुंच गयी है जो अपनी विस्तृत जांच रिपोर्ट सोमवार तक सौंप देगी। प्रदेश के संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत सिंह ने कहा कि प्रथम द्रष्टया दुर्घटना का मुख्य कारण रात भर की यात्रा के कारण चालक को थकान या झपकी आना माना जा रहा है, लेकिन सही कारण का पता लगाने के लिए जांच टीम मौके पर पहुंच गयी है। उन्होंने बताया कि तकनीकी विशेषज्ञों वाली लीड एजेंसी के अपनी विस्तृत रिपोर्ट सोमवार तक सौंपने की संभावना है। 
पहाड़ों में सामान्यतः दुर्घटनाओं के लिए संकरी और खस्ताहाल सड़कों को जिम्मेदार माना जाता है, लेकिन रुद्रप्रयाग हादसे वाली जगह पर सड़क काफी चौड़ी थी और वह अच्छी हालत में थी। इस संबंध में सिंह ने कहा कि हादसे वाली जगह पर सड़क की चौड़ाई छह मीटर थी। रुद्रप्रयाग में गोपीनाथ टैक्सी-सूमो वाहन संगठन के अध्यक्ष जगमोहन रावत ने कहा कि बाहरी राज्यों से आने वाले वाहन चालकों का पहाड़ों में गाड़ी चलाने का अनुभव न होने के कारण हादसे हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त हुआ टेम्पो-ट्रैवलर दिल्ली—एनसीआर से बुक किया गया था और पर्यटक चोपता घूमने जा रहे थे। 
उन्होंने परिवहन तंत्र की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि हादसे के समय वाहन में 20 की निर्धारित क्षमता से अधिक 26 सवारियां बैठी थीं और प्रदेश की सीमा के अंदर आधा दर्जन जांच चौकी से गुजरने के बाद यह वाहन दुर्घटनाग्रस्त हुआ। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रुद्रप्रयाग हादसे के दौरान घटनास्थल पर पहुंचकर प्रशासन के साथ राहत एवं बचाव कार्यों में योगदान करने के लिए ग्रामवासियों का धन्यवाद किया और कहा कि उन्होंने अतिथि देवो भव: की भावना को आत्मसात किया है। 
 

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सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में मुख्यमंत्री ने कहा, अतिथि देवो भव: की भावना को आत्मसात कर देश भर से आने वाले पर्यटकों की सेवा करना देवभूमि उत्तराखंड की परंपरा रही है। इस संबंध में उन्होंने रुद्रप्रयाग हादसे के दौरान स्थानीय लोगों की ओर से मदद किए जाने का जिक्र करते हुए कहा, आप सभी पर हमें गर्व है। सेवा भाव के साथ किए गए इस नेक कार्य के लिए समस्त ग्रामवासियों का ह्रदय से अभिनंदन और उन्हें धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।

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