मुंबई की एक विशेष अदालत धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को फैसला सुना सकती है।
मलिक (62) के खिलाफ धन शोधन का मामला भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों की गतिविधियों से जुड़ा है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता मलिक को इस साल फरवरी में गिरफ्तार किया था।
विशेष न्यायाधीश आर एन रोकडे ने 14 नवंबर को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मलिक की जमानत पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
मलिक अभी न्यायिक हिरासत में हैं और उनका मुंबई के एक अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।
राकांपा नेता ने जमानत की मांग करते हुए कहा था कि उनके खिलाफ धन शोधन के लिए मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं है। हालांकि, जांच एजेंसी ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि दाऊद इब्राहिम और उसके गुर्गों के खिलाफ राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा दर्ज मामला मलिक के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने का आधार माना जा सकता है।
ईडी ने दावा किया था कि आरोपी के इब्राहिम और उसकी बहन हसीना पारकर के साथ संबंध थे, इसलिए ‘‘उसके निर्दोष होने का कोई सवाल ही नहीं उठता।’’
मलिक के खिलाफ ईडी का मामला एनआईए द्वारा दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है।
दाऊद इब्राहिम 1993 के मुंबई बम विस्फोट मामले का मुख्य आरोपी है।