समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को सरकार से हटाने का आह्वान करते हुए ‘ 80 हराओ-भाजपा हटाओ’ का नया नारा दिया।
यादव ने एक ट्वीट में 80 हराओ-भाजपा हटाओ” नारे के हैशटैग के साथ कहा, अबकी भाजपा हारेगी बूथ-बूथ, अहंकार उतारेगा यूथ। यादव के इस नारे का अभिप्राय यह कि भाजपा को सत्ता से बाहर करने के लिए अगले साल लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों पर भाजपा को चुनाव में हराना है। प्रदेश में 80 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र हैं।
सपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मायावती के नेतृत्व की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से गठबंधन किया जिसमें 10 सीट बसपा और पांच सीट सपा को मिली थीं।
एक सीट कांग्रेस ने जीती थी। शेष 64 सीट पर सत्तारूढ़ भाजपा नेकब्जा जमाया था। चुनाव बाद सपा का बसपा से गठबंधन टूट गया था।
सपा प्रमुख ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में ‘ईज ऑफ डूइंग’ का मतलब हत्या, बलात्कार, लूट और भ्रष्टाचार है।
उन्होंने सवाल उठाया, ‘‘क्या निवेशक सम्मेलन में कट्टे-तमंचे की आपूर्ति और उत्पादन के करार पर हस्ताक्षर किए गए थे? कौशल विकास के अंतर्गत क्या अपराध का प्रशिक्षण दिलाया जाता है?’’
यादव ने आरोप लगाया कि व्यापारियों को सुरक्षा एवं सुविधा देने के बजाय उनसे वसूली, फिरौती की छूट दी जाती है, भाजपा राज में भ्रष्टाचार अब उजागर हो चला है।
उन्होंने कहा कि सवाल यह है कि मुख्यमंत्री की नाक के नीचे जो हो रहा है वह उन्हें क्यों नहीं दिखाई दे रहा है?
सपा मुख्यालय से रविवार को जारी एक बयान में यादव ने कहा, ‘‘भाजपा सरकार जो कहती है, वह करती नहीं है और जो करती है वह कहती नहीं है। मुख्यमंत्री जी बात तो ‘जीरो टॉलरेंस’ की करते हैं, लेकिन उनके संरक्षण में भ्रष्टाचार और अपराध को खुली छूट मिली हुई है।’’
यादव ने कहा,‘‘भाजपा सरकार में 10 गुना भ्रष्टाचार बढ़ गया है। राज्य में सवा छह साल के कार्यकाल में भाजपा का असली काम यही है कि कागजों में सब चकाचक, विज्ञापनों में सब बेहतरीन और असलियत में बदहाल उत्तर प्रदेश है।’’
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया, ‘‘भाजपा सरकार में बड़ी नदियां भ्रष्टाचार के कारण मैली हैं और छोटी नदियां संरक्षण के अभाव में सूख रही हैं। गंगा नदी की सफाई के नाम पर करोड़ों रूपए फूंक दिये गए। नाले पहले की तरह गंगा में गिर रहे हैं।