Breaking News

घोसी उपचुनाव में हार एक एक्सीडेंट ; 2024 में सभी 80 सीट जीतेंगे: उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता केशव प्रसाद मौर्य ने घोसी विधानसभा उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार की हार को एक ‘एक्सीडेंट’ बताते हुए कहा है कि इसने हमें 2024 के लिए और अधिक तैयारी करने का संदेश दिया है। उन्होंने कहा, प्रदेश में लोकसभा की सभी सीट जीतने के अति आत्मविश्वास में हम यही सोचते कि सब ठीक चल रहा है, उस लिहाज से हम इसे (चुनाव परिणाम को) अच्छा ही मानते हैं।
पीटीआई-वीडियो को दिए एक विशेष साक्षात्कार में मौर्य ने दावा कियाकि लोकसभा चुनावों में घोसी में फिर से कमल खिलेगा। उपचुनाव में पार्टी उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की हार को उन्होंने पार्टी संगठन में गुटबाजी या प्रदेश सरकार के कामकाज पर टिप्पणी मानने से इनकार किया।

मौर्य ने कहा, “ये चुनाव एक एक्सीडेंट था जिसको सुधार कर हम 2024 में परिणाम दिखायेंगे और घोसी में भी कमल का फूल खिलेगा।“
उन्होंने कहा कि राज्य में भाजपा को सभी 80 सीटें जिताकर उत्तर प्रदेश नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने में योगदान देगा।
घोसी में इस माह की शुरुआत में विधानसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवार सुधाकर सिंह ने भाजपा के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को 42 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया। दारा सिंह चौहान ने सपा के उम्मीदवार के तौर पर पिछला चुनाव इसी सीट से जीता था। चौहान ने जुलाई, 2023 में भाजपा में वापसी की थी।
मौर्य ने कहा, उपचुनाव में संगठन ने पूरा प्रयास किया और सरकार की उपलब्धियों की बात करें तो इतनी हैं कि हम घोसी ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक विजय हासिल कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, हम चुनाव हारे हैं, लेकिन इस हार ने हमें एक तरह से और अच्छी तरह से तैयारी करने की ओर ध्यान दिलाया है।
पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेताओं में शुमार मौर्य ने कहा, “हम अस्सी सीट जीतने का दावा कर रहे हैं और अति आत्मविश्वास में कहीं यह सोचते कि हमारा सब ठीक चल रहा है… उस लिहाज से तैयारी के लिए हम इसे अच्छा ही मानते हैं।
उन्होंने कहा, “लोकतंत्र में हार जीत में से कोई एक चीज होती है। घोसी चुनाव में हार हुई है, यह हम मानते हैं। चुनाव परिणाम ने हम लोगों को और अधिक तैयारी करने के लिए संदेश दिया है।“
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने कहा था समाजवादी पार्टी समाप्तवादी पार्टी बन रही है, लेकिन क्या इस चुनाव से उसे जीवनदान मिल गया है, मौर्य ने कहा कि यह 2024 में पता चलेगा कि जीवनदान मिला या नहीं।

उन्होंने फिर यह बात दोहरायी, सपा समाप्तवादी पार्टी बनने की ओर अग्रसर है।
मौर्य का कहना था, “मुझे उत्तर प्रदेश में ऐसा कहीं कुछ नहीं दिख रहा जिसमें सपा का कहींभी कोई ऐसा काम हो या उसने सरकार में रहते ऐसा कुछ किया हो जिसके आधार पर वह जनता के बीच में जाए। 2024 का जो चुनाव है उसमें अभी जो दिखाई दे रहा है उसमें इस बार भतीजे के साथ बुआ शामिल नहीं होने वाली हैं। (बसपा प्रमुख) मायावती अलग लड़ रही हैं और ये अलग लड़ रहे हैं। लेकिन ये अलग लड़ें या साथ मिलकर लड़ें, हम लोगों ने उप्र में ये नारा दिया है – सौ में साठ हमारा है, चालीस में बंटवारा है और बंटवारे में भी हमारा है, क्योंकि हम सबका साथ सबका विकास चाहते हैं।“

उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में जब सपा, बहुजन समाज पार्टी (बसपा), कांग्रेस और अन्य उत्तर प्रदेश में साथ मिलकर चुनाव लड़े थे तब उनकी पार्टी (भाजपा) ने व्यापक जीत हासिल की थी। उप्र से लोकसभा में भाजपा के 64 सदस्य थे और आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनावके बाद राज्य से उसके सांसदों की संख्या बढ़कर 66 हो गई है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में सपा की सरकार थी तो भाजपा ने सहयोगियों के साथ मिलकर 73 सीटें जीती थीं और चार सीटें बहुत कम अंतर से हारी थीं।
मौर्य ने इस बात को खारिज किया कि घोसी में पिछड़ा वर्ग से आने वाले भाजपा के उम्मीदवार दारा सिंह चौहान की हार के पीछे एक प्रमुख जाति का दबदबा व पिछड़ा वर्ग का भाजपा से मोहभंग होना भी एक कारण है।

उन्होंनेकहा,“ओबीसी भाजपा के साथ था, है और भाजपा के साथ ही रहेगा। ओबीसी व भाजपा अलग-अलग न थे, न होंगे।
एक अन्य सवाल कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जाति के लोगों का ज्यादा दबदबा है पर मौर्य ने कहा, मुख्यमंत्री एक संत हैं और संत की कोई जाति नहीं होती। इसलिए उनको किसी जाति से जोड़कर यह सवाल नहीं करना चाहिए।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकारबिना किसी हिंदू-मुस्लिम पूर्वाग्रह के अपराधियों और माफिया के खिलाफ कार्रवाई करती है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह विपक्ष है जो केवल मुस्लिमों से जुड़े मुद्दे उठा रहा है। मौर्य ने कहा, राज्य में कार्रवाई धर्म के आधार पर नहीं की जाती। कार्रवाई इस आधार पर की जाती है कि गरीबों की जमीन पर किसने कब्जा किया है। सरकार के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी है कि इसे खाली कराया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार में दोषियों को प्रश्रय नहीं मिलता।

Loading

Back
Messenger