जम्मू-कश्मीर में वैसे तो आतंकवाद काबू में आ चुका है लेकिन पाकिस्तान की शह पर अब भी आतंकी घुसपैठ करके या अपने स्लीपर सेल के माध्यम से किसी वारदात को अंजाम देने में सफल रहते हैं। इसलिए सुरक्षा को फूलप्रूफ बनाने के लिए दूरदराज के इलाकों में रहने वाले ग्रामीणों की भी मदद ली जा रही है। खास बात यह है कि सुरक्षा के मोर्चे पर देश के लिए कुछ कर गुजरने की तमन्ना लिये महिलाएं भी आगे आ रही हैं। हम आपको बता दें कि आतंकियों को रोकने और उन्हें देखते ही ठोकने के लिए सुरक्षा बल तो हमेशा सतर्क रहते ही हैं लेकिन फिर भी दूरदराज के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां उनसे पहले स्थानीय लोगों की नजर पहले जा सकती है इसलिए उन्हें भी हथियार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसी क्रम में जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में गांवों को राष्ट्रविरोधी तत्वों से बचाने के लिए पुरुषों के अलावा महिला विलेज डिफेंस गार्ड (वीडीजी) को भी हथियारों से लैस किया गया है और किसी भी तरह की विपरीत परिस्थिति में सुरक्षा के लिए मोर्चा संभालने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। हम आपको बता दें कि कम से कम 250 महिला विलेज डिफेंस गार्ड सदस्य वर्तमान में किसी भी प्रकार की राष्ट्र विरोधी गतिविधि से लड़ने के लिए सशस्त्र और प्रशिक्षित हैं। महिला विलेज डिफेंस गार्ड सदस्यों को फायरिंग और राष्ट्र विरोधियों से लड़ने का प्रशिक्षण तो दिया ही जाता है साथ ही जरूरत पड़ने पर तुरंत रणनीति बनाने और उसे अमल में लाना भी सिखाया जाता है।
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हम आपको बता दें कि वर्तमान में 875 विलेज डिफेंस गार्ड समितियाँ हैं जिनमें 6000 से अधिक सदस्य हैं। इन वीडीजी सदस्यों को फायर, एरिया डोमिनेशन और गश्त का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस बारे में डोडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ये वीडीजी सदस्य अच्छा काम कर रहे हैं और राष्ट्र विरोधी तत्वों पर नजर रखने में पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की मदद कर रहे हैं। एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने डोडा, भद्रवाह और गंदोह में फायरिंग रेंज स्थापित की हैं जहां इन वीडीजी सदस्यों को प्रशिक्षण और फायरिंग का अभ्यास दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी अपने गांवों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।