नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के मुख्य प्रवक्ता एवं अधिवक्ता अभय वर्मा और मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा शासन के मुद्दों पर दिल्ली के मंत्रियों को आदेश देने पर दिल्ली सरकार के मंत्रियों को दिल्ली की जनता को गुमराह करना बंद करना चाहिए।
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बीजेपी नेताओं ने कहा है कि सीएम केजरीवाल कोर्ट द्वारा जांच एजेंसी को दी गई हिरासत में हैं इसलिए कानूनी तौर पर वह संबंधित कोर्ट की अनुमति के बिना नोट या पत्र नहीं लिख सकते हैं। सीएम के पास सरकारी खजाने के खर्च पर वकीलों की एक फौज है और वह उन वकीलों से मंत्रियों को लिखे अपने तथाकथित नोट्स और पत्रों की संवैधानिक वैधता पर स्पष्टीकरण मांग सकते हैं, जो हमारी जानकारी के अनुसार कानून के तहत सभी अवैध हैं।
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दिल्ली भाजपा मीडिया प्रमुख ने कहा है कि मंत्री सौरभ भारद्वाज का यह बयान कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में पैथोलॉजिकल परीक्षण सुविधाओं और दवाओं की अनुपलब्धता पर चिंता व्यक्त की है, स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में दिल्ली सरकार की लंबी विफलता की स्व-स्वीकारोक्ति है। आख़िरकार ब्रेकडाउन सिर्फ तीन दिनों में नहीं हुआ है, सीएम केजरीवाल द्वारा उल्लिखित सेवा अनुपलब्धता की जानकारी उन्हे काफी लंबे समय से रही होगी, जो स्वास्थ्य सेवाओं की विफलता की ओर इशारा कर रही है।