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दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में अवैध वीज़ा रैकेट का हिस्सा होने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत दे दी है। इस संबंध में दिल्ली की अदालत ने ये भी बयान दिया है कि अब कथित आरोपी की हिरासत की आवश्यकता नहीं है। जांच अधिकारी के अनुसार आरोपी हरविंदर सिंह जिसे 12 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था ने विभिन्न देशों से वीजा प्राप्त करने के बदले में व्यक्तियों से भारी मात्रा में नकद वसूला।
इस मामले पर अधिकारी ने अदालत में कहा कि आरोपी के घर से 46 बांग्लादेशी पासपोर्ट, एक नेपाली पासपोर्ट, विभिन्न संस्था बैंकों के 40 स्टांप और बांग्लादेश के 19 खाली स्टांप पेपर सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए गए। जांच में जुटे अधिकारी के मुताबिक जांच में सामने आया कि ‘बांग्लादेशी एजेंट’ जिनके नामों का आरोपियों ने खुलासा किया था, उनका पता लगाया जा रहा है।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट देवांशु सजलान की अदालत ने 9 नवंबर को जमानत देते हुए कहा कि आरोपी की हिरासत की अब आवश्यकता नहीं है क्योंकि उसके पास से पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज पहले ही बरामद किए जा चुके हैं। न्यायाधीश सजलान ने कहा कि चूंकि आरोपी का कोई पूर्व आपराधिक इतिहास नहीं था, इसलिए उसके द्वारा गवाहों को धमकाने या प्रभावित करने की संभावना कम थी।
यह भी माना गया कि एक महीने की जांच के बावजूद कथित घोटाले के पीड़ितों के बयान दर्ज नहीं किए गए थे। अदालत ने माना कि अन्य सह-अभियुक्त जिनका मामला सिंह से ‘इतना अलग नहीं’ था, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। आरोपी के वकील ने कहा कि सिंह का कोई पिछला आपराधिक इतिहास नहीं था और वह अपनी ऑटिस्टिक बेटी सहित अपने परिवार का एकमात्र कमाने वाला था।