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Delhi Flood: केजरीवाल ने निचले इलाकों को तत्काल खाली करने को कहा, स्कूलों को राहत शिविरों में बदला जाएगा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शहर में बाढ़ की स्थिति पर सचिवालय में एक आपात बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में मंत्री, मेयर और विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। इसके बाद उन्होंने प्रेस वार्ता में बड़ी बात कही है। सीएम केजरीवाल ने बताया कि जिलाधिकारियों को जरूरत पड़ने पर स्कूलों को राहत शिविरों में बदलने को कहा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने एनडीआरएफ को सूचित किया है कि इसकी मदद मांगी जा सकती है। 
 

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अरविंद केजरीवाल ने दिल्लीवासियों से निचले इलाकों में अपने घर खाली करने का अनुरोध किया। उन्होंने लोगों को यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर को लेकर सचेत किया और कहा कि अभी जलस्तर और बढ़ने वाला है। उन्होंने यह भी कहा, “बोट क्लब, यमुना बाजार, गीता घर, विश्वकर्मा कॉलोनी, मजनू का टीला, बदरपुर खादर, डीएनडी- पुश्ता मयूर विहार में रहने वाले लोगों को अपना घर छोड़ देना चाहिए।” दिल्ली में बाढ़ जैसे हालात पर बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने मीडिया से कहा कि दिल्ली में पिछले 2-3 दिनों से बारिश नहीं हो रही है और पानी हिमाचल प्रदेश और हरियाणा से आ रहा है। उन्होंने लोगों से बाढ़ वाली जगह पर नहीं जाने को कहा है। साथ ही साथ उन्होंने अपील की कि लोग सेल्फी लेने के चक्कर में ना पड़े। 

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यमुना का जलस्तर बढ़ता जा रहा है और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। दिल्ली में यमुना का खतरे का निशान 205.33 मीटर है और अभी इस वक्त यमुना का जलस्तर 207.71 मीटर पर पहुंच गया है। यमुना का जलस्तर आखिरी बार 1978 में इतना हुआ था। उस वक्त यमुना का जलस्तर 207.49 मीटर था। उन्होंने कहा कि केंद्रीय जल आयोग ने बताया है कि यमुना का जलस्तर रात के 10-12 के बीच 207.72 मीटर हो जाएगा… मैंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि अगर हो सके तो पानी की दिल्ली पहुंचने की गति को थोड़ा कम किया जाए। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत जी ने कॉल कर बताया कि हथिनीकुंड सिर्फ बैराज है और वहां कोई जलाशय नहीं। वहां पानी रोकने की कोई सुविधा नहीं है। 

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