Batla Encounter के दौरान Inspector Mohan Chand Sharma को गोली मारने वाले Ariz Khan की बच गयी जान, जानिये कैसे निर्भीकता से मोहन चंद शर्मा ने किया था आतंक का सामना
दिल्ली उच्च न्यायालय ने साल 2008 के बहुचर्चित बाटला हाउस मुठभेड़ के दौरान पुलिस निरीक्षक मोहन चंद शर्मा की हत्या के दोषी आतंकवादी आरिज खान की मौत की सजा को आज उम्रकैद में तब्दील कर दिया। हम आपको बता दें कि आरिज खान को साल 2021 में दिल्ली की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। आरिज खान ने सजा के खिलाफ याचिका दायर की थी जिस पर दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश सिद्धार्थ मृदुल और अमित शर्मा की पीठ ने अगस्त में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। हम आपको बता दें कि बाटला हाउस मुठभेड़ के दौरान इस पर जमकर राजनीति हुई थी। तत्कालीन यूपीए सरकार का नेतृत्व कर रही कांग्रेस ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया था। यही नहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को तो मारे गये आतंकवादियों की तसवीर देखकर रोना भी आ गया था।
हम आपको याद दिला दें कि साल 2008 में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हुए सिलेसिलेवार बम धमाकों में 39 लोगों की मौत हो गई थी और 159 लोग घायल हुए थे, जिसके बाद यह मुठभेड़ हुई थी। मुठभेड़ के दौरान बाटला हाउस के एक फ्लैट में छिपे इंडियन मुजाहिदीन के दो आतंकवादी मोहम्मद साजिद और आतिफ अमीन मारे गए थे जबकि आरिज खान नामक आतंकी फ़रार हो गया था तथा एक अन्य आतंकवादी पकड़ा गया था। इस अभियान में बहादुर पुलिस इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा को अपने जीवन का बलिदान देना पड़ा था। आतंकवादी आरिज खान को बाद में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। आरिज खान को 14 फरवरी 2018 को पकड़ा गया था और तब से उस पर मुकदमा चल रहा था। साल 2021 में उसे स्थानीय अदालत ने दोषी करार देते हुए अपने फैसले में कहा था कि उसका अपराध ‘‘दुर्लभतम श्रेणी’’ में आता है, जिसके लिए अधिकतम सजा का प्रावधान है और मौत होने तक उसे ‘‘फांसी पर लटकाया’’ जाएगा। लेकिन आज उच्च न्यायालय ने इस सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया। अदालत के फैसले के बाद अधिवक्ता राजेश महाजन ने कहा कि विस्तृत फैसले को पढ़ने के बाद आगे का निर्णय लिया जायेगा।
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शहीद मोहन चंद शर्मा की बहादुरी
हम आपको यह भी बता दें कि 26 जनवरी 2009 को गणतंत्र दिवस पर देश के वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से जब मरणोपरांत स्वर्गीय मोहन चंद शर्मा को नवाजा जा रहा था तो उनके बारे में कहा गया था, ”श्री मोहन चन्द शर्मा, इन्सपेक्टर, दिल्ली पुलिस को 19 सितम्बर 2008 को एक खास सूचना मिली कि दिल्ली श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के संबंध में वांछित एक संदिग्ध व्यक्ति जामिया नगर, दक्षिणी दिल्ली क्षेत्र में स्थित बाटला हाउस के एक फ्लैट में छिपा हुआ है। श्री शर्मा सात सदस्यीय दल का नेतृत्व करते हुये तुरंत उस फ्लैट पर पहुंचे। ज्यों ही उन्होंने फ्लैट में अन्य दरवाजे से प्रवेश किया, उनको फ्लैट के अंदर छुपे हुये आतंकवादियों की ओर से गोलीबारी का पहली बौछार लगी। निर्भीकता के साथ उन्होंने गोलीबारी का जवाब दिया। इस प्रकार शुरू हुई दोनों तरफ की गोलीबारी में दो आतंकवादी मारे गये तथा एक पकड़ा गया। श्री मोहन चन्द शर्मा ने आतंकवादियों से लड़ते हुये अनुकरणीय साहस और कर्तव्यपरायणता का प्रदर्शन किया तथा राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।”