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दिल्ली उच्च न्यायालय क्लैट- 2025 के नतीजों के खिलाफ याचिकाओं पर सात अप्रैल को सुनवाई करेगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि वह संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (क्लैट)2025 के परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सात अप्रैल को सुनवाई करेगा और मामले पर शीघ्र निर्णय करेगा।

मुख्य न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ को सूचित किया गया कि देश के कई उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर की गई हैं और उच्चतम न्यायालय ने सभी याचिकाओं को ‘‘सुसंगत निर्णय’’ के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया है।

पीठ ने कहा, ‘‘ विद्यार्थियों में बहुत चिंता है। वे बहुत कम उम्र के हैं और कुछ बोर्ड परीक्षाओं में भी शामिल हो रहे हैं। इस अनिश्चितता के कारण विद्यार्थियों में बहुत तनाव पैदा हो रहा है। हम एक आदेश पारित करना चाहते हैं ताकि हम आसानी से शुरुआत कर सकें।’’

अदालत ने कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (एनएलयू)के अधिवक्ता को तीन सप्ताह के भीतर याचिकाओं पर जवाब देने का निर्देश दिया और कहा कि मामले पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा।

अदालत ने रेखांकित किया कि क्लैट(स्नातक) और क्लैट (स्नातकोत्तर) 2025 को चुनौती देने वाली दो तरह की याचिकाएं हैं।
पीठ ने न्यायालय की रजिस्ट्री को अन्य उच्च न्यायालयों से प्राप्त सभी याचिकाओं को एक साथ नत्थी करने का निर्देश दिया।

पिछले वर्ष दिसंबर में क्लैट- 2025, देश के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित कराया गया था। परीक्षा के प्रश्नों में त्रुटि का आरोप लगाते हुए विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर की गई हैं।

कई क्लैट अभ्यर्थी उच्च न्यायालय की कार्यवाही में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए और उनमें से कुछ ने न्यायालय के ऑनलाइन सुनवाई मंच के चैट बॉक्स में कंसोर्टियम की निंदा करते हुए संदेश साझा किए।

इन संदेशों में ‘‘कंसोर्टियम पर शर्म आनी चाहिए’’; ‘‘कंसोर्टियम मामले को खींच रहा है’’ तथा ‘‘तारीख पर तारीख’’ शामिल थे।
दिल्ली उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने 20 दिसंबर, 2024 को आदेश दिया था कि उत्तर कुंजी में त्रुटियों के कारण कंसोर्टियम क्लैट- 2025 के नतीजों को संशोधित करे।

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