दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आप नेता सत्येन्द्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज करने के कुछ घंटों बाद सोमवार को तिहाड़ जेल लौट आए। एक अधिकारी ने बताया कि आप नेता सत्येन्द्र जैन ने धनशोधन मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा उनकी नियमित जमानत याचिका खारिज किये जाने के कुछ घंटे बाद, तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण कर दिया। जैन जेल में आत्मसमर्पण करने के लिए शाम करीब छह बजे उत्तर पश्चिम दिल्ली में अपने सरस्वती विहार स्थित आवास से निकले। शीर्ष अदालत ने जैन के वकील के उस मौखिक अनुरोध को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया था।
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जनवरी में, न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति पंकज मिथल की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के अप्रैल 2023 के आदेश के खिलाफ जैन द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। जैन धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत जांच का सामना कर रहे हैं। मई 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया था। जैन पर तीन अन्य लोगों के साथ 2010-12 और 2015-16 के दौरान तीन कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था।
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मई 2023 में, शीर्ष अदालत ने जैन को चिकित्सा आधार पर जमानत दे दी जिसके बाद उन्हें एक साल जेल में रहने के बाद हिरासत से रिहा कर दिया गया। चिकित्सा आधार पर जैन की जमानत समय-समय पर बढ़ाई जाती रही है। ईडी ने दलील दी थी कि जैन का अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से उन कंपनियों पर वास्तविक नियंत्रण था जो कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग रैकेट में शामिल थीं। जैन, जो दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, पर कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है। प्रयास इंफोसोल्यूशन, इंडो मेटालिम्पेक्स, अकिंचन डेवलपर्स और मंगलायतन प्रोजेक्ट्स वो चार कंपनियां हैं।