यमुना नदी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने के कारण 1 नवंबर तक राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न हिस्सों में पानी की कमी रह सकती है। दिल्ली जल बोर्ड ने इसको लेकर बड़ी जानकारी दी है। प्रभावित क्षेत्रों में पूर्वी, उत्तर-पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली के कुछ हिस्से और नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र शामिल हैं। बोर्ड ने कहा कि दिल्ली के 110 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रतिदिन) भागीरथी जल उपचार संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) और 140 एमजीडी सोनिया विहार डब्ल्यूटीपी का कच्चा जल स्रोत ऊपरी गंगा नहर, मुरादनगर, उत्तर प्रदेश है।
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इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा 12 से 31 अक्टूबर तक ऊपरी गंगा नहर में निर्धारित वार्षिक रखरखाव के कारण, 12 अक्टूबर की मध्यरात्रि को हरिद्वार से नहर बंद कर दी गई थी। विज्ञप्ति में आगे कहा कि इस बंद अवधि के दौरान, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग और यूपी जल निगम बैराज, रेगुलेटर की मरम्मत और रखरखाव, विभिन्न ऑनलाइन स्टोरेज की सफाई, मुरादनगर में टैंक स्थापित करने और नाली की मरम्मत का काम करते हैं। इसके बाद, इन जल उपचार संयंत्रों को गंगा जल की आपूर्ति बंद कर दी गई है।
दिल्ली जल बोर्ड ने कहा कि जल उपचार संयंत्र अब 31 अक्टूबर तक कच्चे पानी के वैकल्पिक स्रोत के रूप में यमुना पर निर्भर हैं। लेकिन कच्चे पानी में अमोनिया की मात्रा 1.5 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) से अधिक होने के कारण यमुना के कच्चे पानी को उपचारित करना मुश्किल है। इसलिए भागीरथी और सोनिया विहार में उत्पादन 30 प्रतिशत तक कम कर दिया गया है। इसके अलावा, उत्पादन पूरी तरह से यमुना में कच्चे पानी की गुणवत्ता पर निर्भर करेगा और इन संयंत्रों से उत्पादन तदनुसार अलग-अलग होगा।