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सनातन बोर्ड के गठन की मांग, देवकीनंदन ठाकुर ने की सरकार से अपील

लखनऊ। सनातन न्यास फाउंडेशन के अध्यक्ष और प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने 11 अक्टूबर को हजरतगंज स्थित प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में एक अहम एलान किया। उन्होंने बताया कि सनातन न्यास फाउंडेशन 16 नवंबर को दिल्ली के शाहदरा में एक भव्य धर्म संसद का आयोजन करने जा रहा है, जिसमें सनातन धर्म की रक्षा के लिए सरकार से सनातन बोर्ड के गठन की मांग की जाएगी।
देवकीनंदन ठाकुर ने इस मौके पर पूर्व सरकारों की नीतियों पर कड़ी आलोचना की और कहा कि पिछले 75 वर्षों में एक विशेष समुदाय के हितों की पूर्ति की गई है, जबकि हिंदू समाज के धार्मिक अधिकारों और मंदिरों की अनदेखी की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अब वही लोग हमारे मंदिरों पर अपना दावा कर रहे हैं, और भविष्य में वे संसद तक का दावा कर सकते हैं। इसलिए, उन्होंने केंद्र सरकार से सनातन धर्म के हितों की रक्षा के लिए एक विशेष बोर्ड का गठन करने की अपील की।

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साथ ही, देवकीनंदन ठाकुर ने सरकार से यह भी मांग की कि देश भर के कृष्ण मंदिरों का निर्माण कराया जाए, पुजारियों और मंदिरों में सेवा में लगे कर्मियों को 15-15 हजार रुपये का मासिक वेतन दिया जाए, और सभी मंदिरों में धर्माचार्यों को ही पुजारी के रूप में नियुक्त किया जाए। उन्होंने तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलावट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी आवश्यकता जताई।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा कि यदि उत्तर प्रदेश में सुधार की प्रक्रिया शुरू हो जाए तो यह पूरे देश के लिए एक सकारात्मक उदाहरण बनेगा। उन्होंने तौकीर रजा के विवादास्पद बयान पर भी प्रतिक्रिया दी, और कहा कि यह बयान असंवैधानिक हैं। योगी सरकार को इस पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
इस संवाददाता सम्मेलन में देवकीनंदन ठाकुर ने यह भी कहा कि हिंदुओं को अपनी सुरक्षा के लिए केवल 5 मिनट की छूट मिल जाए, तो वे अपने धार्मिक अधिकारों को पूरी तरह से सुरक्षित कर लेंगे। उनका यह बयान धर्मनिरपेक्षता और समाज के बीच बढ़ते तनाव को लेकर गहरी चिंता का संकेत है। इस महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता से यह साफ हो गया कि देवकीनंदन ठाकुर और सनातन न्यास फाउंडेशन सरकार से सक्रिय और निर्णायक कदमों की मांग कर रहे हैं ताकि सनातन धर्म की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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