वरिष्ठ कवि और गीतकार जावेद अख्तर ने गुरुवार को सहिष्णु होने के लिए हिंदू समुदाय की प्रशंसा की और कहा कि भारत में लोकतंत्र हिंदू संस्कृति और परंपरा के कारण मौजूद है। अख्तर ने समाज में असहिष्णुता बढ़ने पर चिंता जताते हुए कहा कि हिंदू उदार और बड़े दिल वाले होते हैं। 78 अख्तर ने कहा कि कुछ लोग हैं जो हमेशा असहिष्णु रहे हैं। हिंदू ऐसे नहीं हैं। उनके पास उदार और बड़े दिल वाले जैसे यह महान गुण है। इसे मत खोएं, अन्यथा आप दूसरों की तरह बन जाएंगे। मुंबई में राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) द्वारा आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में। इस कार्यक्रम में ठाकरे मौजूद थे।
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भारतीय मुसलमानों की प्रगतिशील और उदारवादी आवाज़ों में माने जाने वाले अख्तर ने यह भी कहा कि हमने हिंदुओं के जीवन जीने के तरीके से सीखा है। क्या आप इसे छोड़ देंगे? जावेद अख्तर ने आगे कहा कि उन्हें भगवान राम और देवी सीता की भूमि पर जन्म लेने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि वह नास्तिक होते हुए भी राम और सीता को इस देश की संपत्ति मानते हैं। कार्यक्रम में ‘जय सिया राम’ का नारा लगाने वाले लेखर ने कहा कि रामायण हमारी सांस्कृतिक विरासत है। उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी में गिरावट पर भी चिंता जताई।
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ब्लॉकबस्टर ‘शोले’ के बारे में बात करते हुए अख्तर ने कहा कि अगर आज यह फिल्म बनती तो मंदिर में हेमा मालिनी और धर्मेंद्र के डायलॉग पर बहुत बड़ा विवाद होता। यह हिंदू संस्कृति है, यह सभ्यता है। इसने हमें लोकतांत्रिक दृष्टिकोण सिखाया है। इसलिए इस देश में लोकतंत्र है। यह सोचना कि हम सही हैं और बाकी सभी गलत हैं, यह हिंदुओं का काम नहीं है। जिसने भी आपको यह सिखाया है वह गलत है।