बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगता रोजगार देने की बात कर रहे हैं। हाल में ही शिक्षक भर्ती को लेकर बड़े फैसले लिए गए थे। हालांकि, यह फैसला विवादित होता दिखाई दे रहा है। दरअसल, कुछ दिन पहले शिक्षक भर्ती प्रतियोगिता में बिहार के बाहर के लोगों को भी शामिल होने का फैसला सरकार ने लिया था। इस फैसले के खिलाफ आज पटना में भारी प्रदर्शन देखने को मिला। हजारों की संख्या में पटना के डाकबंगला चौराहे पर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान ट्रैफिक जाम की भी समस्याएं दिखी। इससे निपटने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा।
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पटना के पुलिस उपाधीक्षक (कानून-व्यवस्था) नुरुल हक ने बताया कि यह धरना प्रदर्शन बिना प्रशासन की अनुमति के किया जा रहा था। हम प्रदर्शनकारियों को यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि जो भी वे कर रहे हैं गलत है। बल प्रयोग अंतिम उपाय रहा है। हिरासत में लिए गए पुरुषों और महिलाओं की संख्या के सवाल पर पुलिस उपाधीक्षक ने कहा कि फिलहाल हम संख्या बताने की स्थिति में नहीं हैं। हम इस पर काम करेंगे और प्रभावित इलाके में कानून-व्यवस्था बहाल होने के बाद ज्यादा जानकारी दी जाएगी।
दूसरी ओर प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस की कार्रवाई सरकार की उदासीनता को दर्शाती है। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उन्होंने केन्द्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटेट) और बिहार शिक्षक पात्रता परीक्षा (बीटेट) जैसी परीक्षाएं पास की हैं। बेगूसराय जिले की रहने वाली अभ्यार्थी पूजा सिंह ने कहा, क्या इन लोगों को शर्म नहीं आती? हम पढ़े-लिखे लोग हैं और अपनी जायज मांग को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं। फिर भी ये बल प्रयोग कर रहे हैं और हमें गिरफ्तार कर रहे हैं जैसे कि हम अपराधी हैं।
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अभ्यर्थियों के विरोध प्रदर्शन पर लाठीचार्ज को लेकर भाजपा नीतीश सरकार पर हमलावर हो गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने साफ तौर पर कहा है कि जब से बिहार में महागठबंधन की सरकार आई है यहां भ्रष्टाचार बढ़ा है और प्रदेश में जंगलराज हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि 9 महीने की सरकार में एक भी बहाली नहीं हुई लेकिन 10 लाख लाठी बिहार का युवा अब तक खा चुका है। वही, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन सरकार की शिक्षक बहाली करने की नियत ही नहीं है। यह सिर्फ लोगों को बरगलाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि रोजगार के मुद्दे पर हम लोग महागठबंधन की सरकार को सड़क से लेकर सदन तक घेरेंगे। इस 13 जुलाई को विधानसभा मार्च का भी आयोजन किया जाएगा।