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पटना । लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार में अपेक्षाकृत कम मतदान होने को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के लिए राज्य में कोई चुनौती नहीं है। पासवान ने दावा किया कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ इस बार प्रदेश में एक भी सीट नहीं जीत पाएगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) राज्य की 40 में से पांच सीट पर चुनाव लड़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘बिहार में मतदान का प्रतिशत कम है क्योंकि यहां विपक्ष कमजोर स्थिति में है। हालांकि राजग हर जगह अच्छा प्रदर्शन करने जा रहा है। पश्चिम बंगाल में उसके लिए कुछ चुनौतियां हैं, यही कारण है कि वहां के मतदाताओं ने कल बड़ी संख्या में मतदान किया।” बिहार में चार सीट – जमुई, नवादा, गया और औरंगाबाद – पर पहले चरण में शुक्रवार को 48.23 प्रतिशत मतदान हुआ। पासवान लगातार दो बार से जमुई सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे, लेकिन इस बार वह अपने दिवंगत पिता राम विलास पासवान के गढ़ हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं और जमुई से अपने बहनोई अरुण भारती को मैदान में उतारा है।
पासवान ने एक वायरल वीडियो का भी जिक्र किया जिसमें एक रैली में लोगों द्वारा अपमानजनक का उपयोग किया गया है। दावा है कि इस रैली को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव द्वारा संबोधित किया गया था। पासवान ने आरोप लगाया, ‘‘यह घटना राजद की दलित विरोधी मानसिकता को दर्शाती है। मैं यह सुनकर स्तब्ध हूं कि तेजस्वी ने इस घटना से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है, जिन्हें मैंने हमेशा छोटा भाई माना है। अगर कोई मेरी उपस्थिति में उनके परिवार के साथ दुर्व्यवहार करता तो मैं कड़ी आपत्ति जताता।’’
पासवान ने राजग सहयोगियों द्वारा आयोजित अधिकांश रैलियों में जदयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अनुपस्थिति को अधिक महत्व नहीं देते हुए दावा किया, ‘‘बिहार में राजग के सभी घटकों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक व्यापक अभियान चलाने की सलाह दी है जो केवल तभी संभव हो सकता है जब विभिन्न नेता अलग-अलग जन सभाओं में भाग लेंगे।’’ उन्होंने यह भी दावा किया कि हिंदुत्व विचारधारा का प्रतिनिधित्व करने वाली भाजपा द्वारा राजग का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद यह मुसलमानों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। पासवान ने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि राजद और उसकी सहयोगी कांग्रेस सरकारें राज्य के साथ-साथ केंद्र में भी विफल रही हैं। इसके अलावा इन दलों ने टिकट बंटवारे में मुसलमानों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया है।