भर्ती परीक्षाओं में कथित धांधली के खिलाफ बेरोजगार युवाओं के प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने के एक दिन बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कहा कि देश भर में अपनी जमीन खो चुके कुछ राजनीतिक संगठन अपने हितों के लिए युवाओं को उकसा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बाहरी तत्वों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण उसने हिंसक रूप ले लिया और ऐसे तत्वों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।
भर्ती घोटाले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे युवाओं की बृहस्पतिवार को पुलिस से तीखी झड़पें हुई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया था। उन्हें तितर बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा जिसमें कुछ युवाओं को चोटें आयी थीं। इस दौरान कुछ पुलिसवाले भी घायल हुए।
इस बीच मुख्यमंत्री ने बगैर किसी का नाम लिए कहा, ‘‘हम शुरू से ही कह रहे हैं कि देश और उत्तराखंड के अंदर अपनी जमीन पूरी तरह से खो चुके कुछ राजनीतिक संगठन छात्रों के कंधों पर बंदूक रखकर अपने हित साध रहे हैं।
जैसा कि कल भी देखा गया कि कुछ बाहरी तत्व छात्रों के रूप में बीच में आ गए और पत्थर फेंके जिससे प्रदर्शन ने हिंसक आंदोलन के रूप ले लिया।
उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रशासन इस बात का पता लगा रहा है कि प्रदर्शन में अनावश्यक रूप से शामिल लोग कौन हैं।
संवाददाताओं से बातचीत में धामी ने कहा कि उनकी सरकार युवाओं के भविष्य का पहले से ध्यान रख रही है और आगे भी उनके हित के लिए ही काम करेगी।
उन्होंने कहा कि जिन भी परीक्षाओं में गड़बड़ियां पाई गईं, राज्य सरकार ने उन्हें तत्काल रद्द करते हुए नई तिथि घोषित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभ्यर्थियों को असुविधा न हो, इसके लिए परीक्षा शुल्क भी नहीं लिया जाएगा और उत्तराखंड परिवहन निगम की बसों से परीक्षा केंद्र तक उनके आने—जाने की भी निशुल्क व्यवस्था की गयी है।
धामी ने कहा, ‘‘ हम अपने बेटों-बेटियों से कहना चाहते हैं कि सभी परीक्षाएं पारदर्शी, निष्पक्ष और शुचिता के साथ होंगी, किसी अफवाह पर न जाएं और केवल परीक्षा की तैयारी पर ध्यान दें।’’
उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को कडे़ प्रावधानों वाला नकल विरोधी अध्यादेश को उन्होंने अनुमोदित कर दिया था और उसे राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब सभी परीक्षाएं इस अध्यादेश के तहत होंगी।
धामी ने कहा, ‘‘ सबसे सख्त कानून जो हो सकता है, वह हमने बनाया है। इस कानून के तहत आजीवन कारावास तक की सजा के अलावा दस करोड़ रू तक के जुर्माने के सख्त प्रावधान किए गए हैं।