उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को संसद में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश केंद्रीय बजट का स्वागत करते हुए इसे देश के समावेशी विकास और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने वाला बताया।
धामी ने कहा कि यह एक समावेशी बजट है जो किसानों, मध्यम वर्ग और महिलाओं से लेकर समाज के सभी वर्गों के विकास की रूपरेखा है और इसमें नए भारत के निर्माण की सोच है।
उन्होंने कहा, ‘‘समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे, निवेश एवं क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति और वित्तीय क्षेत्र को समर्पित यह बजट, अमृत काल के विजन को बताता है। इस बजट में किसानों, मध्यम वर्ग और महिलाओं से लेकर समाज के सभी वर्गो के विकास की रूपरेखा है।’’
मुख्यमंत्री ने ‘‘शानदार’’ बजट पेश करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और पिछले नौ साल में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरी है।
बजट में ‘‘मिशन मोड पर पर्यटन को बढ़ावा देने’’ का भी धामी ने स्वागत किया और कहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में पर्यटन के महत्व को देखते हुए यह राज्य में पर्यटन विकास में काफी सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि वाइब्रेंट विलेज योजना के माध्यम से राज्य के सीमावर्ती गांवों के विकास में गति आएगी।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने केंद्रीय बजट को ‘‘आत्मनिर्भर’’ भारत का संकल्प बताया और कहा कि बजट में हर वर्ग को लाभान्वित करने के लिए अहम निर्णय लिए गए हैं जिनसे उत्तराखंड को भी काफी लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि मोटे अनाज को लेकर लागू की जाने वाली श्रीअन्न योजना पहाड़ की कृषि के लिए अहम साबित हो सकती है क्योंकि इससे मंडुवा, चौलाई आदि तमाम पहाड़ी उत्पादों को ऊंचे दाम और बड़ा बाजार मिलना तय है।
भट्ट ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र में सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और पर्यटन के लिए बजट में अलग से प्रावधान करना भी हमारे प्रदेश की अर्थिकी को मजबूत करेगा।