मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को यहां देश के पहले प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल दिवंगत बिपिन रावत की प्रतिमा का अनावरण तथा स्मारक स्थल का लोकार्पण किया।
देहरादून के कनक चौक पर स्थापित की गयी जनरल दिवंगत रावत की प्रतिमा तथा स्मारक स्थल का निर्माण करीब 50 लाख रुपये की लागत से किया गया है।
इस मौके पर धामी ने कहा कि यह भव्य प्रतिमा तथा स्मारक स्थल जनरल रावत के शौर्य, अदम्य साहस और वीरता का स्मरण कराने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का कार्य करेगा।
उन्होंने कहा कि जनरल की स्मृति को चिरस्थायी रखने के लिए प्रदेश की किसी बड़ी परियोजना का नाम भी उनके नाम पर रखा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने जनरल रावत को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी मातृभूमि के लिए चार दशकों की निस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी तथा जीवन के अंतिम दिन तक वे केवल और केवल देश के लिए जिए।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है जहां भारतीय सेना में शामिल होना युवाओं की पहली प्राथमिकता रहती है। उन्होंने कहा, ‘‘सैन्य सेवा हमारे लिये मात्र रोजगार का नहीं वरन देश एवं समाज के लिये जीवन समर्पित करने का उत्कृष्ट अवसर भी है।’’
धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की स्मृतियों को बनाए रखने के लिए एक भव्य “शौर्य स्थल” (सैन्य धाम) का निर्माण किया जा रहा है। इस साल के अंत तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
शहीद सैनिकों के परिवारों के कल्याण के लिए अपनी सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नौकरियों में शहीद सैनिक के आश्रितों को जिलाधिकारी कार्यालय में समूह ‘ग अथवा ‘घ में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति प्रदान की जा रही है और अभी तक करीब 23 आश्रितों को नियुक्ति दी जा चुकी है।
उन्होंने बताया, साथ ही विभिन्न युद्धों, सीमांत झड़पों तथा आंतरिक सुरक्षा में मारे गए सैनिकों की विधवाओं व आश्रितों को एकमुश्त दस लाख रुपये का अनुग्रह अनुदान भी दिया जाता है।