वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह बृहस्पतिवार को मध्यप्रदेश के सागर जिले की सुरखी विधानसभा के ग्राम रैपुरा में दलित एवं आदिवासी समुदाय के लोगों के घरों पर बुलडोजर चलवाकर उनके मकान तोड़ने की घटना के विरोध में रैपुरा गांव जाकर पीड़ितों के साथ धरना दिया।
दिग्विजय ने जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को वहीं जमीन पर बैठाकर उनसे इन लोगों की मांगे मनवाई, जिनमें नुकसान की भरपाई एवं मकानों की स्थाई व्यवस्था शामिल हैं। मांगे पूरी करने का प्रशासन से आश्वासन मिलने के बाद ही उन्होंने अपना धरना समाप्त किया।
इन गरीबों के मकानों को तोड़ने के लिए लापरवाही बरतने के आरोप में सरकार ने आज एक उप वनक्षेत्रपाल को निलंबित कर दिया है।
उन्होंने मीडिया को बताया, ‘‘मुझे बुधवार रात करीब साढ़े 10 बजे सुरखी के ग्राम रैपुरा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के मकान पुलिस के संरक्षण में बुलडोजर से तोड़े जाने की जानकारी मिली थी।’’इसके बाद दिग्विजय ने आज सुबह घटना से जुड़ी जानकारी और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर शासन से सवाल किया कि किस कानून के तहत इन गरीब लोगों के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिले मकानों को तोड़ा गया है।
कांग्रेस नेता ने ग्राम रैपुरा पहुंचकर पीड़ित परिवारों से चर्चा की और उनको संरक्षण एवं सहायता देने की मांग को लेकर वहीं धरने पर बैठ गए।
उन्होंने कहा कि मांगे नहीं मानीं गए तो वो रात भी वहीं रुकेंगे।
हालांकि शाम को जिलाधिकारी दीपक आर्य एवं पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी सहित अन्य अधिकारी उनसे धरने स्थल पर मिलने पहुंचे और उनके मांगों पर आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया।
दक्षिण वनमंडल सागर के वनमंडलधिकारी (डीएफओ) महेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि ग्राम रेपुरा से वन विभाग की भूमि पर से वन, राजस्व विभाग एवं पुलिस के संयुक्त दल द्वारा 21 जून 2023 को अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई।
वहीं, मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की विज्ञप्ति के अनुसार इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में उप वनक्षेत्रपाल (प्रभारी वन क्षेत्राधिकारी सागर) लखन सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।