पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ भाजपा नेता दिलीप घोष ने हिंदुओं से सुरक्षा के लिए घर पर हथियार रखने का कथित आह्वान करके राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। कथित टिप्पणी वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान मुर्शिदाबाद में हुई झड़पों में तीन लोगों की मौत के कुछ दिनों बाद सामने आई है। उनकी टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर हिंदू समुदाय से हथियार रखने को कहा क्योंकि पुलिस उन्हें नहीं बचाएगी। हाल ही में मुर्शिदाबाद में हुई हिंसा के बारे में उत्तर 24 परगना जिले में एक सार्वजनिक रैली में घोष को यह कहते हुए सुना गया, “हिंदू टेलीविजन सेट, रेफ्रिजरेटर और नए फर्नीचर खरीद रहे हैं। लेकिन उनके घर में एक भी हथियार नहीं है। जब कुछ होता है, तो वे पुलिस को बुलाते रहते हैं। पुलिस आपको नहीं बचाएगी।
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पश्चिम बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष घोष ने यह भी कहा कि हिंदुओं को एकता की जरूरत का एहसास हो गया है। उन्होंने कहा कि दस साल पहले लोग नहीं जानते थे कि रामनवमी जुलूस क्या होता है। आज हर इलाके में ऐसे जुलूस निकाले जा रहे हैं, क्योंकि हिंदुओं को एहसास हो गया है कि उन्हें एकजुट होने की जरूरत है। यहां तक कि भगवान भी कमजोरों के साथ नहीं खड़े होते। न तो घोष और न ही उनकी पार्टी ने अभी तक उनकी कथित टिप्पणी पर कोई बयान जारी किया है। हालांकि, दिलीप घोष की कथित टिप्पणी ने पश्चिम बंगाल में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है, मुर्शिदाबाद जिले से तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक हुमायूं कबीर ने भाजपा नेता पर सांप्रदायिक विवाद भड़काने का आरोप लगाया है।