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रांची में ईआरपीसीसी बैठक में नक्सलवाद, साइबर और अंतरराज्यीय अपराध पर चर्चा

पूर्वी क्षेत्रीय पुलिस समन्वय समिति (ईआरपीसीसी) की शुक्रवार को यहां हुई बैठक में नक्सली गतिविधियों, साइबर अपराध और अंतरराज्यीय संगठित अपराधों पर चर्चा की गयी।
एक अधिकारी ने बताया कि बैठक की अध्यक्षता झारखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अजय कुमार सिंह ने की। पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने भी बैठक में भाग लिया।
सिंह ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘वामपंथी चरमपंथ को खत्म करने और इस संबंध में भविष्य में हमें क्या करने की जरूरत है, इसके समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गयी। बैठक में अंतरराज्यीय अपराध खासतौर से संगठित अपराध के खिलाफ रणनीति पर भी चर्चा की गयी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘साइबर अपराध की स्थिति की भी समीक्षा की गयी। अधिकारियों ने भी इस संबंध में सूचना साझा की।’’
उन्होंने बताया कि झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा पर नक्सली गतिविधियों की समीक्षा की गयी और यह पाया गया कि नक्सली गतिविधियों में बड़े पैमाने पर गिरावट आयी है।
पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) अमोल वी होमकर ने मीडियाकर्मियों को बताया कि नक्सली गतिविधियों का असर सभी पांच राज्यों पर है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन पिछले कुछ वर्षों में समन्वित तरीके से की गयी कार्रवाई के कारण सभी पांच राज्यों में नक्सली गतिविधियों में गिरावट आयी है।’’
होमकर ने कहा कि जहां तक झारखंड का संबंध हैं तो नक्सलियों के सभी गढ़ पर कब्जा कर लिया है चाहे वह गुमला, लातेहार और लोहरदगा या सरायकेला का मिलन क्षेत्र हो या बूढ़ा पहाड़ इलाका हो।

उन्होंने कहा, ‘‘कई शीर्ष नक्सली नेता मारे गए, कई को गिरफ्तार किया गया और कई नक्सलियों ने सुरक्षा बलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।’’
आईजीपी ने कहा कि चतरा जिले में झारखंड-बिहार सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ एक अभियान भी शुरू किया गया था जिसमें शीर्ष पांच नक्सली मारे गए।
पश्चिम बंगाल और ओडिशा सीमा पर नक्सली गतिविधियों पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी।
होमकर ने कहा, ‘‘यह फैसला लिया गया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शिविरों को सक्रिय किया जाएगा और संयुक्त अभियान पर ध्यान केंद्रित किया गया है। समय रहते सूचना साझा करने के लिए भी एक तंत्र विकसित किया जा रहा है।

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