तिरुवनंतपुरम। केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने रविवार को कहा कि लोकसभा से राहुल गांधी को अयोग्य ठहराने संबंधी उसके बयान कांग्रेस नेता के समर्थन में नहीं हैं, बल्कि वह उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अलोकतांत्रिक कार्रवाई का विरोध कर रही है।
माकपा के प्रदेश सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि वाम दल ने हमेशा अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों के खिलाफ रुख अपनाया है, जिस तरह भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) विपक्षी दलों को निशाना बनाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं।
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘राहुल गांधी के मामले में कुछ ऐसा ही हुआ है। हमने राहुल गांधी के समर्थन की घोषणा नहीं की। हमने उनके खिलाफ की गई अलोकतांत्रिक कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है।’’
गांधी को उनकी ‘‘मोदी सरनेम’’ वाली टिप्पणी पर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने दोषी ठहराया और दो साल की जेल की सजा सुनाई। एक दिन बाद, लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना में कहा कि राहुल गांधी की अयोग्यता उनकी सजा के दिन से प्रभावी है।
उनकी अयोग्यता के बाद, सत्तारूढ़ माकपा और केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे संघ परिवार द्वारा ‘लोकतंत्र पर हमला’ और भाजपा द्वारा ‘प्रतिशोध की राजनीति’ का एक उदाहरण करार दिया था।