भारतीय जलक्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों की संख्या में 2022 की तुलना में 2023 में तेजी से गिरावट आई है। भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने बताया कि 2022 में ऐसे नौ मामले दर्ज किये गये थे, जबकि 2023 में यह घटकर एक रह गया। उन्होंने इसके लिए सुरक्षा एजेंसियों के बीच बढ़ी निगरानी और निर्बाध समन्वय को श्रेय दिया।
पश्चिम क्षेत्र के महानिरीक्षक एवं कमांडर भीष्म शर्मा ने कहा कि पिछले साल लाल सागर में ‘मर्चेंट नेवी’ के जहाजों पर हमले के बाद भारतीय तटरक्षक बल ने विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) के किनारे तथा उससे अलग भी अधिक जहाज तैनात किए हैं।
अधिकारियों ने पहले कहा था कि 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद, भारतीय जलक्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों में वृद्धि देखी गई थी और सुरक्षा एजेंसियों ने हजारों करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ पकड़े थे।
शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘वर्ष 2021 और 2022 में, हमने मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ खुफिया सूचना पर आधारित कार्रवाई की थी। हम तस्करों को पकड़ने में सफल रहे। वर्ष 2021 में ऐसी पांच घटनाएं हुई थीं, जो 2022 में नौ हो गयी थी। हालांकि, 2023 में ऐसा केवल एक मामला सामने आया है।’’
उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल ने लक्षद्वीप के द्वीपों की निगरानी बढ़ा दी है। उनके अनुसार, कुछ द्वीप निर्जन हैं, इसलिए ये एक अच्छी जगह बन गये हैं।
शर्मा ने कहा कि तटरक्षक बल तटीय सीमाओं में खुफिया जानकारी के माध्यम से अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं और सभी जानकारियां हितधारकों के साथ साझा की जाती है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘भारतीय नौसेना, सीमा शुल्क (विभाग), डीआरआई (राजस्व खुफिया विभाग) और देश की समग्र सुरक्षा में शामिल अन्य सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ हमारी नियमित बातचीत होती है।
हम एक-दूसरे के साथ अपनी जानकारी साझा करते रहते हैं।’’
लाल सागर में व्यापारिक नौसैन्य जहाजों पर हमलों की हालिया घटनाओं पर शर्मा ने कहा कि इसके लिए निगरानी प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ईईजेड की सीमा पर कई जहाजों को तैनात किया गया है।
भारतीय जलक्षेत्र में चीनी नौसेना की मौजूदगी पर शर्मा ने कहा कि चीनी जहाजों के भारतीय जल क्षेत्र में आने की सूचना है, लेकिन उन्होंने कहा कि समुद्र तट के करीब कोई जहाज नहीं है।