Breaking News
-
कनाडा के ब्रैम्पटन शहर में एक हिंदू मंदिर के पुजारी को हाल ही में खालिस्तानी…
-
छठ महापर्व के अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को लखनऊ में गोमती घाट…
-
फॉक्स न्यूज के साथ 2023 के एक साक्षात्कार के दौरान, ट्रम्प से राष्ट्रपति की शक्तियों…
-
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना के बारे में कथित तौर…
-
अजित पवार की पार्टी राकांपा को राहत देते हुए एक उम्मीदवार जिसने पार्टी उम्मीदवार यशवंत…
-
नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज छठ महापर्व के अवसर दिल्ली…
-
वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के विपक्षी सदस्य, 9 नवंबर से शुरू होने…
-
देश के अलग-अलग हिस्सों में आज छठ महापर्व के तहत तीसरे दिन डूबते सूर्य को…
-
प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी निवेश उल्लंघन की जांच के तहत गुरुवार को अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट…
-
लाहौर और कराची में सबसे खराब वायु प्रदूषण के लिए पाकिस्तान द्वारा भारत को दोषी…
कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपनी कमर कली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस पार्टी पूरी तरीके से तैयार है। इंडिया गठबंधन बनाने के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तैयारी के लिए रणनीति भी बनानी शुरू कर दी है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी ने इसी मुद्दे पर चर्चा की है।
जानकारी की मुताबिक मल्लिकार्जुन खड़गे के अध्यक्ष बनने के बाद हैदराबाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक हुई है इस बैठक में पार्टी ने जातिगत जनगणना करवाने पर जोर दिया है। इसके अलावा दलित, आदिवासी और ओबीसी आरक्षण की सीमा को बढ़ाने की मांग भी पार्टी ने उठाई है। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में एक प्रस्ताव भी पेश किया गया है जिसमें कहा गया कि सीडब्ल्यूसी अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण की मौजूदा ऊपरी सीमा को बढ़ाने की मांग करती है।
इस संबंध में कांग्रेस मीडिया प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी ने कर्नाटक के कोलार की जनसभा में मांग की थी की जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। उनका कहना है कि सभी जातियों को संख्या के अनुसार ही हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। बता दे कि जिन राज्यों में कांग्रेस बीजेपी को चुनौती दे रही है वहां अल्पसंख्यकों का समर्थन भी पार्टी के साथ है। यही नहीं कांग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं। जातीय जनगणना और आरक्षण की सीमा बढ़ाने को लेकर अगर बात की जाए तो कांग्रेस ओबीसी वोट बैंक पर अपना कब्जा जमाने की कोशिश कर सकती है।
बता दें कि ओबीसी वोट बैंक के बीच भाजपा की स्थिति काफी मजबूत है जिसे कांग्रेस कमजोर की कोशिश कर रही है। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर कांग्रेस आरक्षण का मुद्दा उठाना चाहती है ताकि बाजी को पलट सके। यही नहीं कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने यह भी मांग की है कि संसद का जो विशेष सत्र 18 सितंबर से आयोजित होने वाला है उसमें महिला आरक्षण विधेयक को पारित भी किया जाना चाहिए।
राहुल गांधी ने की खास अपील
इस बैठक के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वैचारिक स्पष्टता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं को भाजपा के असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के तरीके में नहीं फंसना चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान रखना चाहिए। पवन खेड़ा ने कार्य समिति की पहले दिन (16 सितंबर को) की बैठक में राहुल गांधी के वक्तव्य का हवाला देते हुए कहा, ‘‘राहुल गांधी ने हम सबसे सपष्ट तौर पर पूछा कि विचारधारा की स्पष्टता आपके मन में है या नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संगठन आधारित पार्टी नहीं है, कांग्रेस एक आंदोलन है, जिसके पास संगठन भी है। आंदोलन संगठन को आगे बढ़ाता है, यही कांग्रेस और दूसरे दलों में अंतर है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी जी ने हमें आगाह किया कि हम भाजपा के जाल में न फंसें।’’
खेड़ा का कहना था कि बैठक में राहुल गांधी के वक्तव्य के बाद पार्टी नेताओं के मन में विचारधारा को लेकर पूरी तरह स्पष्टता थी। राहुल गांधी ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब सनातन धर्म को लेकर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेताओं की टिप्पणियों से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कुछ नेताओं ने भी कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में कहा कि पार्टी को ऐसे मुद्दों से दूर रहना चाहिए और इसमें फंसना नहीं चाहिए। सूत्रों ने बताया कि कि राहुल गांधी ने कहा कि नेताओं को सनातन धर्म विवाद में पड़ने के बजाय गरीबों और उनके मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि वे पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक रहे हैं।