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नई दिल्ली में आयोजित किया गया शिखर सम्मेलन कई मामलों में बेहद ऐतिसाहिक रहा है। इस सम्मेलन के दौरान सभी देशों ने मिलकर घोषणा पत्र पर सहमति बनाई और इसे साझा किया। भारत की ये बड़ी कूटनीतिक उपलब्धि रही। भारत ने इस दिन नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित कर दिया। इस पूरे सम्मेलन के दौरान कई मौकों पर भारत ने दिखाया कि वो दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार है।
इस सम्मेलन के दौरान कई ऐसे मौके भी आए जब भारत अगुवाई करने के लिए मजबूती के साथ अन्य देशों का नेतृत्व करते दिखा। इस सम्मेलन में कई ऐसे मौके रहे जो इतिहास में पन्नों में दर्ज हो गए है। जी20 सम्मेलन के पहले दिन नरेंद्र मोदी अगुवा के तौर पर सभी देशों के साथ खड़े दिखे। वहीं रविवार को दूसरे दिन राजघाट के परिसर में उन्होंने विश्व नेताओं का स्वागत किया।
गौरतलब है कि महात्मा गांधी ने अहिंसक विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करते हुए भारत को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से वर्ष 1947 में आजादी दिलाई थी। इस दौरान जी20 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन मेहमानों को महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हुए भारत के उत्थान का संकेत देने का संदेश भी दिया।
इस जी20 सम्मेलन के दौरान कई पारिवारिक और दोस्ताना लम्हें भी कैद हुए। इन लम्हों से साफ होता है कि विभिन्न देशों के नेताओं के बीच दुर्लभ, स्पष्ट झलक दिखती है। देशों के नेता आपस में गर्मजोशी के साथ मिलते दिखे तो कहीं पीठ थपथपाना, बातचीत करना, आदि कई मौके आए। इस वर्ष जी20 से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के व्लादिमीर पुतिन अनुपस्थित थे। दोनों ने अमेरिका और उसके सहयोगियों के साथ तनाव के बीच शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लिया।
राजघाट पर पहुंचने पर जस्टीन ट्रूडो खास अंदाज में दिखे। यहां उन्होंने महात्मा गांधी के समाधि स्थल पर नंगे पैर चलने का फैसला किया। वहीं जर्मनी के ओलाफ शोल्ज़ भी नंगे पैर ही चलते दिखे है। राजघाट पर मौन भी रखा गया। राजघाट पर लिए गए फोटो से भी दुनिया के नेताओं की एकजुटता देखने को मिली है।
इस जी20 सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के फुमियो किशिदा, दक्षिण कोरिया के यूं सुक येओल भी खास अंदाज में दिखे। इस दौरान रूस के लावरोव संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से बात करते दिए जो काला सागर अनाज समझौते को फिर से शुरू करने के लिए कोशिश में जुटे है।