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ईडी ने राजस्थान प्रश्न पत्र लीक से जुड़े धन शोधन मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया

प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कहा कि उसने राजस्थान में कथित शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
एजेंसी ने बताया कि सुरेश कुमार उर्फ सुरेश साव, विजय डामोर, पीराराम, पुखराज और अरुण शर्मा को 11 जनवरी को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत हिरासत में लिया गया।
एक बयान में कहा गया कि उन्हें जयपुर की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने तीन दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया है।
यह जांच राजस्थान में वरिष्ठ अध्यापक (द्वितीय श्रेणी)प्रतियोगी परीक्षा-2022 के कथित प्रश्न पत्र लीक मामले से जुड़ी है।

ईडी इस मामले में राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व सदस्य बाबूलाल कटारा और अनिल कुमार मीणा और भूपेन्द्र सरन नामक दो अन्य व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
ईडी ने बताया कि अरुण शर्मा ने अनिल कुमार मीणा को 29 अभ्यर्थी उपलब्ध कराए थे और प्रत्येक से दो लाख रुपये लिये गये थे।
इसने यह भी आरोप लगाया कि अरुण शर्मा ने प्रश्न पत्रहासिल करने के बदले में अनिल मीणा को 10 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान भी किया था।
ईडी ने पाया कि पीराराम पेपर लीक में शामिल था। उसने सुरेश साव के निर्देश पर बस उपलब्ध कराई थी और अभ्यर्थियों को लीक प्रश्न पत्र के सही उत्तर देने में मदद की थी।

यह भी कहा गया कि पुखराज ने उम्मीदवारों के ठहरने की व्यवस्था की, लीक प्रश्न पत्र के सही जवाब उपलब्ध कराने में मदद की और 21 दिसंबर 2022 को आयोजित उस भर्ती परीक्षा में भी शामिल हुआ, जिसके लिए उसे सुरेश साव से लीक प्रश्न पत्र मिला था।
जांच के अनुसार इस मामले में सुरेश साव भी सक्रिय रूप से शामिल था औरभूपेंद्र सरन और सुरेश ढाका से उसका एक करोड़ में सौदा हुआ था।
एजेंसी का आरोप है कि सुरेश साव ने सुरेश ढाका से लीक हुआ प्रश्न पत्र लिया और उपस्थित अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र और उसके उत्तर उपलब्ध कराए।

ईडी ने कहा, ‘‘विजय डामोर ने अपने मामा बाबूलाल कटारा के निर्देश पर सामान्य ज्ञान के प्रश्न पत्र के प्रश्नों को एक रजिस्टर में लिख लिया और रजिस्टर अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह मीणा को दे दिया। मीणा ने रुपयों के बदले यह रजिस्टर भूपेंद्र सरन, अरुण शर्मा और अन्य को उपलब्ध कराया। ’’
इस मामले में ईडी की ओर से आरोपियों के खिलाफ पिछले साल नवंबर में आरोपपत्र भी दाखिल किया गया था।

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