प्रवर्तन निदेशालय ने कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को एक चीनी कारखाने और अन्य संस्थाओं के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में तलाशी अभियान चलाया। वित्तीय एजेंसी की जांच ने मुंबई, कर्जत, बारामती और पुणे में छापे मारे और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और 19.50 लाख रुपये की नकदी जब्त की। यह तलाशी श्री शिव पार्वती सखार कारखाना, हाईटेक इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन इंडिया और उनके निदेशकों नंदकुमार तसगांवकर, संजय अवाटे और राजेंद्र इंगवाले से जुड़े परिसरों में की गई।
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ईडी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा श्री शिव पार्वती सखार कारखाना और उसके निदेशकों के खिलाफ गैरकानूनी वित्तीय लाभ कमाने के लिए अपने खातों में हेराफेरी करने, जाली दस्तावेज बनाने और फर्जी दस्तावेज बनाने के लिए दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की। पंजाब नेशनल बैंक की एक शिकायत के बाद मार्च 2023 में सीबीआई ने मामला दर्ज किया, जिसमें बैंकों को 98.54 करोड़ रुपये के नुकसान का आरोप लगाया गया था।
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ईडी की जांच से पता चला कि चीनी कारखाने ने बैंकों से 100 करोड़ रुपये का ऋण लिया, लेकिन परियोजना के लिए 71.19 करोड़ रुपये का अपना हिस्सा देने में विफल रही, जो उक्त ऋण प्राप्त करने की शर्तों में से एक थी। इसके बाद ऋण का एक बड़ा हिस्सा इसके निदेशकों और सहयोगी कंपनियों – तसगांवकर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, तसगांवकर इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसकी सहयोगी हाईटेक इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन इंडिया के माध्यम से निकाल लिया गया।