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ईडी ने ‘इंडिया’ गठबंधन की छवि खराब करने के लिए ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ के तहत छापे मारे: कांग्रेस

कांग्रेस ने झारखंड के एक मंत्री के बेटे और कुछ अन्य लोगों से संबंधित परिसरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी को बुधवार को, 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) की छवि खराब करने के इरादे से केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार की शह पर की गई ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की कार्रवाई बताया।
कांग्रेस झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले गठबंधन की घटक है।
राज्य में कथित शराब घोटाले से संबंधित धन शोधन की जांच के तहत ईडी ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं वित्त मंत्री रामेश्वर ओरांव के बेटे रोहित ओरांव के विभिन्न परिसरों पर छापेमारी की।

कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पीटीआई-से कहा, ‘‘ईडी की छापेमारी केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की शह पर की गई राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है क्योंकि वह (भाजपा) 2024 के संसदीय चुनाव से पहले ‘इंडिया’ गठबंधन की छवि खराब करना चाहती है।’’
उन्होंने मांग की कि ईडी को सबसे पहले अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।
कांग्रेस नेता ने पूछा, ‘‘क्या ईडी पूरे देश में इसी तरह की छापेमारी कर रही है या फिर शराब केवल झारखंड, दिल्ली और छत्तीसगढ़ में बेची जाती है?’’
केंद्र पर निशाना साधते हुए ठाकुर ने जानना चाहा कि क्या भाजपा शासित राज्यों में कोई घोटाला नहीं हुआ है ?
केंद्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों द्वारा राज्य की राजधानी रांची, दुमका, देवघर और गोड्डा जिलों में लगभग 34 स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।
अधिकारियों ने कहा कि रामेश्वर ओरांव और उनके पुत्र एक ही घर में रहते हैं और वहां छापेमारी की गई।

उन्होंने कहा कि कुछ शराब कारोबारियों के व्यावसायिक और आवासीय परिसरों पर भी छापेमारी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा जांच धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है।
झारखंड मंत्रिमंडल में वित्त, योजना और वाणिज्यिक कर मंत्री 76 वर्षीय रामेश्वर ओरांव लोहरदगा (अनुसूचित जाति) विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं।
1972 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी ओरांव पूर्व में, तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।

ठाकुर ने 15 अगस्त को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी के समन भेजने के समय को लेकर भी सवाल पूछा।
ईडी ने सोरेन को यहां 14 अगस्त को एजेंसी के कार्यालय में उपस्थित होने और पीएमएलए के तहत उनका बयान दर्ज करने के लिए उन्हें नोटिस भेजा था, लेकिन सोरेन नहीं जा सके थे।
ठाकुर ने कहा, ‘‘ईडी इतनी जल्दी में था कि उसने मुख्यमंत्री को समन भेजने के लिए स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले, 14 अगस्त की तारीख को चुना।’’
सोरेन ने ईडी को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि केंद्र में राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं रखने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने अपनी संपत्ति को वैध बताते हुए ईडी से समन वापस लेने के लिए कहा है।

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