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Sanjay Singh का बयान, 36 गवाह, 170 फोन रिकॉर्ड, ED के दिखाए सबूत से हिल गई पूरी पार्टी

आम आदमी पार्टी के नेता प्रेस कॉनफ्रेंस कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि उनके और अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पास कोई सबूत नहीं हैं। चुनाव की वजह से इन्हें जबरदस्ती गिरफ्तार करके रखा गया है। हाल ही में जमानत पर बाहर आए आप नेता संजय सिंह दिल्ली के शराब घोटाले को मनगढ़ंत बताते हुए कहते हैं कि कुछ लोगों के बयानों के आधार पर इस घोटाले की पूरी थ्योरी इस देश के लोगों के बीच रख दी गई है। हालांकि ईडी की तरफ से शराब घोटाले में 30 से ज्यादा आरोपियों के खिलाफ छह चार्जशीट दायर की जा चुकी है। इसमें सबूत के तौर पर ई-मेल्स, व्हाट्सएप चैट, वॉयस रिकार्डिंग, लोकेशन, मीटिंग के रिकार्ड और ऐसे दस्तावेज़ों का ज़िक्र किया है, जिनसे ये प्रमाणित होता है कि दिल्ली में सुनियोजित तरीके से शराब घोटाले को अंजाम दिया गया है। सबसे बड़ा सवाल है कि दिल्ली में अगर शराब घोटाला पूरी तरह से मनगढ़ंत है तो फिर मनीष सिसोदिया समेत 16 आरोपियों की जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट समेत अदालतों से बार-बार क्यों खारिज हो रही है। 

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ईडी ने 36 लोगों की गवाही सामने रखी 

 36 लोगों की गवाही को ईडी ने प्रस्तुत किया। इसके अलावा डिजिटल सबूत के तौर पर 170 लोगों के फोन के रिकॉर्ड ने आप की मुश्किलें बढ़ा दी। ईडी ने पहले अपने आरोप पत्र में आरोप लगाया था कि कुमार और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया सहित कम से कम 36 आरोपियों ने अब समाप्त हो चुकी उत्पाद शुल्क नीति में करोड़ों रुपये की रिश्वत के सबूत छुपाने के लिए 170 फोन कथित तौर पर नष्ट कर दिए, इस्तेमाल किए या बदल दिए। आप के नेताओं के बयान के साथ ही संजय सिंह का वो बयान भी शामिल है जिसमें उनसे पूछा गया था कि दिनेश अरोड़ा और तिवारी की मौजूदगी के वक्त वो थे या नहीं। मोबाइल के लोकेशन से सामने आया है कि जिस वक्त की बात गवाह बनने के बाद दिनेश अरोड़ा ने जिक्र किया है। संजय सिंह ने 2 करोड़ रुपए दिए जाने की बात तो नहीं मानी लेकिन कहा कि उस वक्त आम आदमी पार्टी को चंदा के तौर पर कुछ पैसे दिए थे। उसके बारे में हमें ज्यादा जानकारी नहीं थी। वो हमने पार्टी के हवाले कर दिया। 

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 नगद में लेन-देन हुआ

कोर्ट ने कहा था कि आदेश सुरक्षित रखने से पहले हम केस की फाइल को देखना चाहेंगे। इस पर एएसजी राजू ने कहा था कि आपके सवाल को हम नोट कर लेते हैं और फाइल से संबंधित कागजात आपको दिखा देंगे। ईडी का ये कहना रहा है कि इस मामले में गोवा में चुनाव प्रचार में जो लोग लगे थे उनको नगद पैसा पहुंचाया गया। ये वो लोग थे जिन्हें सीधे सैलरी आम आदमी पार्टी से आती थी। वहां वेंडर्स, चुनावी प्रबंधकों को जो भी पैसा पहुंचाया गया वो नगद में लेन-देन हुआ। कोर्ट जब सबसे आखिर में इस निष्कर्स पर पहुंचता है कि गिरफ्तारी गैर कानूनी नहीं है। कोर्ट ने कहा कि हमारे सामने जो सबूत रखे गए हैं उससे लगता है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया है। इसके साथ ही मनी ट्रेल की एक चेन स्टैबलिश होती है। 

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