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सस्ते आयातित सूरजमुखी तेल के कारण खाद्य तेल तिलहन कीमतों में मिला जुला रुख

सस्ते आयातित सूरजमुखी तेल ने देश के तेल तिलहन कारोबार को प्रभावित करना जारी रखा है और इसके कारण बुधवार को दिल्लीबाजार में तेल तिलहन कीमतों में मिला जुला रुख दिखाई दिया।
एक ओर जहां सोयाबीन तिलहन, सोयाबीन डीगम तेल और पामोलीन में गिरावट आई वहीं कम कामकाज के कारण सरसों तिलहन, मूंगफली तेल तिलहन, सोयाबीन दिल्ली एवं इंदौर तेल, कच्चा पामतेल (सीपीओ) और बिनौलातेल कीमतें अपरिवर्तित रहीं। दूसरी ओर मांग निकलने से सरसों तेल कीमतों में सुधार दिखा।
बाजार सूत्रों ने कहा कि कांडला बंदरगाह पर आयात किया गया सस्ता सूरजमुखी तेल अब उत्तर भारत के पंजाब और हरियाणा में आ रहा है जबकि उत्तर भारत में इस तेल की खपत नहीं है। इसी कारण से पंजाब और हरियाणा का सूरजमुखी पहले दक्षिण भारत और महाराष्ट्र जाता था लेकिन इस बार बात उल्टी पड़ गई है क्योंकि सस्ता देखकर कारोबारी इसका जरुरत से कहीं अधिक आयात कर रहे हैं।

हरियाणा सरकार ने इन किसानों की फसल खरीद का आश्वासन दिया है लेकिन सवाल यह है कि सस्ते आयातित सूरजमुखी के आगे, तेल मिलों का स्थानीय महंगी लागत वाला सूरजमुखी तेल खपेगा कहां ?
उन्होंने कहा कि 2007 में खाद्य तेलों के आयात का खर्च लगभग 20,000 करोड़ रुपये था जो आयात का खर्च, नवंबर 2022 में बढ़कर 1,57,000 करोड़ रुपये हो गया है। कहीं न कहीं यह दर्शाता है कि देश की खाद्यतेल के आयात पर निर्भरता बढ़ी है।
सूत्रों ने कहा कि खाद्यतेल तिलहनों के दाम बाकी दूध, चिकेन, मक्खन जैसी अन्य वस्तुओं की तरह बढ़े होते और किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होता तो आज देश की आयात पर निर्भरता कम हो गयी होती।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में दूध का दाम 28 रुपये लीटर जबकि तेल खल (सरसों, बिनौला खल) का दाम सात रुपये किलो था। अब, दूध का दाम 58-60 रुपये लीटर है और खल का दाम 28-30 रुपये किलो और सोयाबीन डी-आयल्ड केक (डीओसी) का दाम पहले के 10 रुपये किलो से बढ़कर 45 रुपये किलो के लगभग है।

सूत्रों ने कहा कि वर्ष 2008 के मई महीने में बंदरगाह पर सोयाबीन तेल 70 रुपये किलो, सूरजमुखी तेल 72 रुपये किलो, सरसों तेल 78 रुपये किलो था जो अब बढ़कर सोयाबीन तेल 90-95 रुपये किलो, सूरजमुखी तेल 85 रुपये किलो, सरसों तेल 102 रुपये किलो हुआ है।
इसी प्रकार पहले सोयाबीन का एमएसपी 9.10 रुपये किलो, सूरजमुखी का 15 रुपये किलो, सरसों का 18 रुपये किलो था जो अब बढ़कर सोयाबीन का 46 रुपये किलो, सूरजमुखी का 67 रुपये किलो, सरसों का 54.5 रुपये किलो हुआ है। यानी एमएसपी के मुकाबले खाद्यतेलों के दाम में काफी कम बढ़ोतरी हुई है।
सूत्रों ने कहा कि इस बार तिलहन बुवाई का रकबा घटना सबके लिए चिंता का विषय होना चाहिये और सरकार को कोई उपयुक्त रास्ता निकालना होगा ताकि सभी अंशधारकों के हितों के बीच संतुलन लाया जा सके।
बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:
सरसों तिलहन – 4,950-5,050 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली – 6,605-6,665 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 16,530 रुपये प्रति क्विंटल।
मूंगफली रिफाइंड तेल 2,460-2,735 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 9,800 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 1,655 -1,735 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 1,655 -1,765 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 18,900-21,000 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 10,250 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 9,850 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 8,500 रुपये प्रति क्विंटल।
सीपीओ एक्स-कांडला- 8,200 रुपये प्रति क्विंटल।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 9,000 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 9,400 रुपये प्रति क्विंटल।
पामोलिन एक्स- कांडला- 8,500 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।
सोयाबीन दाना – 5,215-5,280 रुपये प्रति क्विंटल।
सोयाबीन लूज- 4,980-5,045 रुपये प्रति क्विंटल।
मक्का खल (सरिस्का)- 4,010 रुपये प्रति क्विंटल।

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