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जनमोर्चा के प्रधान संपादक Sheetla Singh का निधन; मुख्यमंत्री ने शोक जताया

अयोध्‍या से प्रकाशित हिंदी दैनिक जनमोर्चा के प्रधान संपादक शीतला सिंह का मंगलवार को यहां जिला अस्पताल में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे। सिंह के करीबी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दैनिक समाचार पत्र जनमोर्चा, अयोध्या के प्रधान संपादक सिंह के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। लखनऊ में जारी एक सरकारी बयान में मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

जनमोर्चा की वरिष्ठ पत्रकार सुमन गुप्ता ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जनमोर्चा के प्रधान संपादक शीतला प्रसाद सिंह का अयोध्या के जिला चिकित्सालय में मंगलवार की दोपहर निधन हो गया। वह मंगलवार को जनमोर्चा के कार्यालय भी आए थे।
गुप्ता ने बताया कि तकलीफ होने पर उनको अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने करीब ढाई बजे अंतिम सांस ली।
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पत्रकार सिंह को उत्तर प्रदेश सरकार के यश भारती समेत अनेक सम्मान व पुरस्कार मिले और उन्होंने पत्रकारिता को एक नई ऊंचाई दी।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शीतला सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया है, ‘‘दैनिक समाचार पत्र जनमोर्चा के प्रधान संपादक श्री शीतला सिंह जी का निधन अत्यंत दुःखद। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया है, ‘‘वरिष्ठ पत्रकार एवं जनमोर्चा अखबार के प्रधान संपादक श्री शीतला सिंह जी के निधन का दुखद समाचार प्राप्त हुआ।

शीतला सिंह जी हिंदी पत्रकारिता के ऐसे मजबूत स्तंभ थे जिन्होंने हमेशा लोकतंत्र एवं जनहित को सर्वोपरि रखा और कभी अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया। उनके जाने से पत्रकारिता जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। शोक-संतप्त परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।
भारतीय प्रेस परिषद (प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, पीसीआई) के तीन बार सदस्य और अखिल भारतीय समाचार पत्र संघ और हिंदी समाचार पत्र सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले शीतला सिंह बाबरी मस्जिद और राम जन्मभूमि विवाद के दौरान बहुत सक्रिय रहे और उस विवाद को बातचीत से सुलझाने की कोशिश की।

उन्होंने अयोध्या विवाद पर एक किताब भी लिखी है।
सिंह का वामपंथी झुकाव था, लेकिन कांग्रेस, समाजवादी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख नेताओं के साथ भी उनके मित्रवत संबंध रहे।
शीतला सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार नहीं होगा क्योंकि उन्होंने अपनी मृत्यु से पहले मेडिकल कॉलेज को चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा के लिए अपना शरीर दान कर दिया था।

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