एनसीपी शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि जिस तरह से यह नीट परीक्षा में भ्रष्टाचार हुआ है। मेरे ख्याल से एसआईटी की जांच का जो आदेश आया है वह जल्द से जल्द होना चाहिए। बच्चों को जिस तरह से परेशान किया जा रहा है उसके बारे में शिक्षा मंत्रालय को सोचना चाहिए। यह पूरी नाकामी केंद्र सरकार की है। सुप्रीम कोर्ट ने ने कथित तौर पर प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आधार पर मेडिकल प्रवेश परीक्षा राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 को फिर से कराने के अनुरोध वाली याचिका पर मंगलवार को केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा।
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न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायामूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों पर संज्ञान लेते हुए कहा, यह इतना आसान नहीं है कि आपने जो किया है वह सब पाक साफ है। शुचिता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए। पीठ ने हालांकि सफल अभ्यर्थियों को एमबीबीएस, बीडीएस और अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश देने के लिए काउंसलिंग की प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। केंद्र और एनटीए के अलावा पीठ ने बिहार सरकार को भी नोटिस जारी किया। राज्य में परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। पीठ ने कहा, आपको कितना समय चाहिए? अदालत खुलने के तुरंत बाद? नहीं तो काउंसलिंग शुरू हो जाएगी।
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शीर्ष अदालत ने शिवांगी मिश्रा और अन्य द्वारा दाखिल याचिका को लंबित याचिका के साथ संलग्न कर एनटीए को जल्द से जल्द जवाब दाखिल करने को कहा। शीर्ष अदालत की पीठ में गर्मियों के अवकाश के बाद आठ जुलाई से नियमित सुनवाई शुरू होगी। अवकाश 20 मई से शुरू हुआ था। एनटीए देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए नीट-यूजी आयोजित करता है। पीठ ने कहा, नोटिस जारी किया जाता है। राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को जल्द से जल्द जवाब दाखिल करना होगा।