छत्तीसगढ़ में मंगलवार को हुए पहले चरण के विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट किया तथा आठ स्थानों पर सुरक्षाबलों पर गोलीबारी की।
मतदान की सुरक्षा में गए सुरक्षाबलों पर हुए हमलों में सुकमा जिले में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए तथा जिले में ही अन्य स्थान पर बारूदी सुरंग विस्फोट में सीआरपीएफ के कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया।
चुनाव ड्यूटी के दौरान सोमवार को कांकेर जिले में बारूदी सुरंग विस्फोट में घायल हुए सीमा सुरक्षा बल के एक जवान ने मंगलवार को रायपुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यहां बताया कि सुकमा जिले में मंगलवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच बांदा, मिनपा और लाखापाल इलाके में मुठभेड़ हुई।
उन्होंने बताया कि मिनपा में मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कांकेर जिले के छोटे पखांजूर और छोटेबेठिया इलाके में भी मुठभेड़ें हुई।
उन्होंने बताया कि बीएसएफ और ‘डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड’ (डीआरजी) के संयुक्त दल ने नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से एक एके-47 राइफल बरामद की।
उन्होंने दावा किया कि मुठभेड़ में कुछ नक्सली मारे गए या घायल हुए जिन्हें उनके साथी अपने साथ ले गए।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बीजापुर जिले में पदेड़ा गांव के करीब सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण गोलीबारी हुई। पदेड़ा मुठभेड़ में कम से कम तीन नक्सली मारे गए। घटनास्थल के ड्रोन वीडियो में नक्सली शवों को लेकर घटनास्थल से भागते दिख रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नारायणपुर जिले के गुदाड़ी गांव के करीब और दंतेवाड़ा जिले के मंगनार गांव के पास भी नक्सलियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हल्की गोलीबारी हुई, जिसमें सुरक्षाकर्मियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
सोमवार को कांकेर जिले के छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में प्रेशर बम की चपेट में आने से दो मतदान कर्मी और बीएसएफ का एक जवान घायल हो गया था।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक जब सुरक्षाकर्मियों के साथ मतदानकर्मी अपने मतदान केंद्रों की ओर जा रहे थे, तब नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम में विस्फोट हो गया। इस घटना में बीएसएफ के हवलदार प्रकाश चंद्र सेवल (36) की मंगलवार को रायपुर के एक निजी अस्पताल में मौत हो गई।
राज्य के 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरण के चुनाव के पहले चरण में मंगलवार को 20 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हुआ, जिनमें से 12 नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग में स्थित हैं।
अधिकारियों ने बताया कि नक्सली हिंसा और बहिष्कार के आह्वान के बीच चुनाव के पहले चरण में 74 प्रतिशत मतदान हुआ।