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भारत में कनाडाई राजनयिकों की समान संख्या सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन नहीं: विदेश मंत्रालय

भारत ने कनाडा के 41 राजनयिकों की देश से वापसी को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में ‘पेश’ करने की कनाडा की कोशिशों को शुक्रवार को खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दो-तरफा राजनयिक समानता सुनिश्चित करना पूरी तरह से राजनयिक संबंधों को लेकर हुई वियना संधि के प्रावधानों के अनुरूप है।
भारत की यह टिप्पणी कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली द्वारा भारत से राजनयिकों की वापसी की घोषणा के बाद आई है, जिसमें उन्होंने नयी दिल्ली की कार्रवाई को ‘अंतरराष्ट्रीय कानून के विपरीत’ और राजनयिक संबंधों पर वियना संधि का उल्लंघन बताया था।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि समानता लाने के भारत के निर्णय के बारे में लगभग एक महीने पहले कनाडा को अवगत कराया गया था और इसे लागू करने की तारीख 10 अक्टूबर थी, लेकिन इसे 20 अक्टूबर तक बढ़ा दिया गया था क्योंकि समानता लागू करने के तौर-तरीकों पर कनाडाई पक्ष से परामर्श से काम किया जा रहा था।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘बेंगलुरु, मुंबई और चंडीगढ़ में कनाडा के वाणिज्य दूतावासों में राजनयिक संख्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। भारत में अपने तीन वाणिज्य दूतावासों में कामकाज रोकने का कनाडा का फैसला एकपक्षीय है और समानता के क्रियान्वयन से संबंधित है।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘हम समानता के कार्यान्वयन को अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के उल्लंघन के रूप में पेश करने के किसी भी प्रयास को खारिज करते हैं।’’
इस साल जून में खालिस्तानी अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोप के बाद दोनों पक्षों के बीच राजनयिक तनाव पैदा गया था औरपिछले महीने भारत ने कनाडा से अपने 41 राजनयिकों को वापस बुलाने को कहा था। भारत ने साथ ही कनाडा के आरोपों को दृढ़ता से खारिज कर दिया था।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ‘‘हमने भारत में कनाडाई राजनयिकों की उपस्थिति के संबंध में 19 अक्टूबर को कनाडा सरकार द्वारा दिया गया बयान देखा है।’’

मंत्रालय ने कहा, ‘‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति, भारत में कनाडाई राजनयिकों की बहुत अधिक संख्या और हमारे आंतरिक मामलों में उनका निरंतर हस्तक्षेप नयी दिल्ली और ओटावा में पारस्परिक राजनयिक उपस्थिति में समानता को वांछित बनाता है।’’
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने राजनयिक उपस्थिति में समानता सुनिश्चित करने के तौर-तरीकों पर पिछले महीने कनाडाई पक्ष के साथ विस्तृत चर्चा की थी। मंत्रालय ने कहा, ‘‘राजनयिक उपस्थिति में समानता को लागू करने का हमारा कदम वियना संधि के अनुच्छेद 11.1 के तहत पूरी तरह से सुसंगत है।’’इसके साथ ही मंत्रालय ने वियना संधि के अनुच्छेद का भी उल्लेख बयान में किया है।
जोली ने बृहस्पतिवार को कहा था कि राजनयिक समानता के अपने ‘अनुचित’ अनुरोध में, भारत केवल 21 राजनयिकों और उनके परिवारों को अपनी राजनयिक स्थिति बनाए रखने की अनुमति देगा।ओटावा में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि 41 कनाडाई राजनयिकों और उनके 42 आश्रितों को एक मनमानी तारीख पर ‘इम्युनिटी’ छिनने का खतरा था, और इससे उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।

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