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Ethics committee मोइत्रा के खिलाफ मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए सात नवंबर को करेगी बैठक

नयी दिल्ली। लोकसभा की आचार समिति तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के विरुद्ध भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे द्वारा ‘पैसे लेकर प्रश्न पूछने’ के आरोपों से जुड़ी जांच की मसौदा रिपोर्ट पर विचार करने और उसे स्वीकार करने के लिए सात नवंबर को बैठक करेगी।
समिति द्वारा मसौदा रिपोर्ट को स्वीकार करने के लिए बैठक आयोजित करने का अभिप्राय है कि भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने अपनी जांच पूरी कर ली है और अब वह अपनी सिफारिश करेगी।

इसके पहले समिति के सदस्य दो नवंबर को पिछली बैठक के दौरान अपनी-अपनी पार्टी के रुख के अनुरूप बंटे दिखे थे।
आचार समिति में 15 सदस्य हैं जिनमें बहुमत भाजपा का है। समिति मोइत्रा के आचरण पर गंभीर रुख अपना सकती है, खासकर तब जब उन्होंने पिछली बैठक में सोनकर पर उनसे तुच्छ और व्यक्तिगत सवाल पूछने का आरोप लगाते हुए विपक्षी सदस्यों के साथ बैठक से बहिर्गमन किया था।
ऐसे संकेत है कि समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी जाने वाली रिपोर्ट में मोइत्रा के खिलाफ सिफारिश कर सकती है।

ऐसी भी संभावना है कि विपक्षी सदस्य असहमति व्यक्त कर सकते हैं।
समिति में शामिल पांच विपक्षी सदस्य दो नवंबर की बैठक से यह आरोप लगाते हुए बाहर निकल गए थे कि सोनकर ने मोइत्रा से उनकी यात्रा, होटल में ठहरने और टेलीफोन कॉल को लेकर निजी और अभद्र सवाल किए हैं।
मोइत्रा ने बाद में आरोप लगाया कि बैठक में ‘शब्दों से वस्त्रहरण’ किया गया।
समिति के अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों के दावों का खारिज करते हुए दावा किया कि यह उन्हें (मोइत्रा को) बचाने के लिए किया गया अनैतिक व्यवहार का मामला है।

मोइत्रा जांच के संबंध में समिति के सामने पेश हुई थीं और इस प्रकार उनके पास संसद सदस्य के तौर पर प्राप्त विशेषाधिकार नहीं था। समिति अपनी रिपोर्ट में बैठक से उनके बहिर्गमन के कदम को गंभीरता से ले सकती है।
दुबे ने आरोप लगाया है कि मोइत्रा रिश्वत के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी की ओर से अडाणी समूह पर निशाना साधने के लिए लोकसभा में सवाल पूछती थीं। उन्होंने दावा किया कि हीरानंदानी अलग-अलग स्थानों से एवं अधिकतर दुबई से सवाल पूछने के लिए मोइत्रा की ‘लॉगइन आईडी’ का इस्तेमाल करते थे।
मोइत्रा ने स्वीकार किया है कि हीरानंदानी ने उनके ‘लॉगइन आईडी’ का इस्तेमाल किया, लेकिन उन्होंने इसके बदले में आर्थिक लाभ लेने से इनकार किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि अधिकतर सांसद अन्य लोगों से अपने ‘लॉगइन आईडी और पासवर्ड’ साझा करते हैं।

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