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हर एक सिख और पंजाबी पैदा करे कम से कम 5 बच्चे, नहीं पाल सकते तो 4 हमें दे दो, बाबा खालसा ने क्यों की ये अपील?

खालसा सिख सांस्कृतिक और शैक्षिक संगठन दमदमी टकसाल ने पंजाबी समुदाय, विशेषकर सिखों से पारिवारिक बंधन मजबूत करने और समाज की समृद्धि में योगदान देने के लिए कम से कम पांच बच्चे पैदा करने को कहा है। यह अपील करते हुए सिख संगठन ने आगे कहा कि यह उन लोगों को बच्चों के पालन-पोषण में भी मदद करेगा जो बड़े परिवारों का समर्थन करते हुए आर्थिक चुनौतियों का सामना करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि तुम उनकी देखभाल नहीं कर सकते तो उन्हें मुझे दे दो। एक बच्चा घर में रख लो और बाकी के 4 मुझे दे दो। मैं इन सभी में आने वाले भविष्य की झलक को देखता हूं। एक समय दमदमी टकसाल का नेतृत्व जरनैल सिंह भिंडरावाले के पास था।

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बाबा हरनाम सिंह खालसा दमदमी टकसाल के 16वें प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि सिख जोड़ों को पंजाब को धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक रूप से मजबूत करने के लिए कम से कम पांच बच्चे पैदा करने का लक्ष्य रखना चाहिए। सिर्फ सिख ही नहीं, बल्कि पंजाब में रहने वाले हिंदू और अन्य समुदाय के लोगों को भी कम से कम पांच बच्चे पैदा करने चाहिए। इस बीच, एक अन्य घटनाक्रम में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, 1950 से 2015 तक, हिंदू आबादी में 7.8 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि मुस्लिम आबादी 43 प्रतिशत की दर से बढ़ी।

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1951 की जनगणना के अनुसार, भारत में हिंदुओं की आबादी 84.68 प्रतिशत थी जो 2015 में घटकर 78.06 प्रतिशत हो गई, जबकि मुस्लिम आबादी 9.84 प्रतिशत से बढ़कर 14.09 प्रतिशत हो गई। ईएसी-पीएम सदस्य शमिका रवि, सलाहकार अपूर्व कुमार मिश्रा और यंग प्रोफेशनल अब्राहम जोस द्वारा लिखित पेपर में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान ईसाई आबादी का हिस्सा 2.24 प्रतिशत से 5.38 प्रतिशत बढ़कर 2.36 प्रतिशत हो गया। सिख आबादी का हिस्सा 1950 में 1.24 प्रतिशत से 6.58 प्रतिशत बढ़कर 2015 में 1.85 प्रतिशत हो गया।

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