पूर्व सांसद एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विकास महात्मे ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया को पत्र लिखकर मोतियाबिंद की सर्जरी के लिए एक बहुराष्ट्रीय कंपनी द्वारा निर्मित इंट्रोक्युलर लेंस (आईओएल) की गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त की है।
महात्मे ने मांडविया से हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।
राज्यसभा के पूर्व सदस्य महात्मे ने मांडविया को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मैं आपका ध्यान मोतियाबिंद सर्जरी के लिए आईओएल बनाने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनी अल्कॉन से जुड़ी एक गंभीर समस्या पर लाना चाहता हूं। मैंने इसे (लेंस) अपने मरीज संजय भाल्मे को लगाया था। यह अपेक्षा की जाती है कि जो लेंस लगाया गया है वह रोगी के शेष जीवन के लिए पारदर्शी बना रहे।’’
महात्मे ने कहा कि नौ मई 2016 को उन्होंने मरीज की दाहिनी आंख में अल्कॉन का आईओएल लगाया था।
उन्होंने कहा, मुझे आश्चर्य है कि यह आईओएल अब अपारदर्शी हो गया है। नवंबर 2022 में जब रोगी मेरे पास आया तो मैं यह देखकर चौंक गया। उसकी दृष्टि की गुणवत्ता कम हो गई है। वह सामने से आते प्रकाश को नहीं देख सकता। दुर्भाग्य से, उसकी बाईं आंख पहले से ही दृष्टिहीन है और अब उसकी दाईं आंख की भी रोशनी चली गई है।’’
डॉक्टर महात्मे ने कहा, वह (मरीज) इस घटना से काफी हताश और निराश है। इसके बाद, मैंने अल्कॉन के साथ अपनी चिंता साझा की। हालांकि, उसका रवैया बहुत ही लापरवाही वाला रहा।
पूर्व सांसद ने कहा कि उन्होंने अल्कॉन की टीम के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की और आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे को लेकर बिलकुल भी संवेदनशील नहीं दिखे।
डॉक्टर ने कहा, वे (कंपनी) केवल भारत में ही ऐसा कर सकते हैं। अगर कोई पश्चिमी देश होता, तो उन्हें भारी मुआवजा देना पड़ता।
महात्मे ने कहा, मैं इस बात से भी चिंतित हूं कि इसी तरह की समस्या अन्य रोगियों को भी हो सकती है और उनके लिए आपदा पैदा कर सकती है। इससे बचने के लिए और रोगी की दृष्टि की क्षतिपूर्ति के लिए भी मैं इस मामले में आपके हस्तक्षेप की मांग करता हूं ताकि कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। इससे सुनिश्चित होगा कि कोई और मरीज इससे प्रभावित न हो।