नयी दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर रविवार को कतर की यात्रा पर जायेंगे और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान बिन जसीम अल थानी के साथ वार्ता करेंगे। वार्ता के दौरान व्यापार, निवेश और ऊर्जा के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के उपायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। जयशंकर की यह यात्रा कतर द्वारा भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को रिहा करने के लगभग साढ़े चार महीने बाद होगी। भारतीय नौसेना के इन पूर्व कर्मियों को अगस्त, 2022 में गिरफ्तार करने के बाद मौत की सजा सुनाई गई थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘यात्रा के दौरान वह कतर के प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी से मुलाकात करेंगे।’’ इसने कहा कि इस यात्रा के जरिये ‘‘दोनों पक्ष राजनीतिक, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, सुरक्षा, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आपसी संबंधों के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों समेत द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने में सक्षम होंगे।’’
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ऐसी उम्मीद है कि जयशंकर और अल थानी गाजा में इजराइल के जारी सैन्य हमलों की पृष्ठभूमि में पश्चिम एशिया की समग्र स्थिति पर भी विचार-विमर्श करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14-15 फरवरी तक कतर की यात्रा पर गये थे और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी के साथ चर्चा की थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत और कतर के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं।