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जम्मू-कश्मीर चुनाव: Fadnavis , मुख्यमंत्री भूपेंद्र ने नेकां से गठबंधन को लेकर कांग्रेस पर साधा निशाना

अहमदाबाद/पणजी । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता देवेंद्र फडणवीस और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव से पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेका) से गठबंधन करने के लिए कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। मुख्यमंत्री पटेल ने नेकां के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस की आलोचना की और कहा कि यह कदम पार्टी के ‘असली चेहरा’को बेनकाब कर देता है। जम्मू-कश्मीर की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्टूबर को होंगे, जबकि परिणाम चार अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। 
नेकां प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन की घोषणा की है, जहां अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री पटेल ने एक वीडियो बयान में कहा, ‘‘एक दशक से सत्ता से बाहर रही कांग्रेस ने एक बार फिर सत्ता के लालच में देश की एकता और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने की मंशा व्यक्त की है।’’ पटेल ने कहा कि देश की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र में किए गए वादों का समर्थन कैसे कर रही है। 
अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर के राज्य के दर्जे को बहाल करने के साथ-साथ 2000 में तत्कालीन विधानसभा द्वारा पारित स्वायत्तता प्रस्ताव का कार्यान्वयन नेशनल कॉन्फ्रेंस की उन 12 गारंटियों में शामिल हैं जिसे आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उसने अपने घोषणापत्र में स्थान दिया है। पटेल ने पूछा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर में अलग ध्वज का समर्थन करती है और क्या वह अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को वापस लाकर केंद्रशासित प्रदेश को ‘अशांति के युग’ में धकेलना चाहती है। 
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता देवेन्द्र फड़णवीस ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस यह महसूस करने के बाद कि वह एकजुट देश में चुनाव नहीं जीत पाएगी, जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए विभाजनकारी ताकतों के साथ गठजोड़ कर रही है। वह गोवा में भाजपा मुख्यालय की आधारशिला रखने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। फडणवीस ने दावा किया, ‘‘जो लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का विरोध कर रहे हैं, उन्होंने अब अपनी राजनीतिक रणनीति बदल दी है। लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष का चेहरा राहुल गांधी थे, लेकिन वास्तव में चुनाव अराजकतावादी ताकतों ने लड़ा था, जिन्होंने झूठी और नकारात्मक बातें गढ़ीं।

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