कनाडा में रहने वाले प्रख्यात पाकिस्तानी स्तंभकार और लेखक तारेक फतह का आज निधन हो गया, उनकी बेटी नताशा फतह ने पुष्टि की। वह 73 वर्ष के थे। वह लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। इसको लेकर उनकी बेटी ने एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि पंजाब का शेर, हिंदुस्तान का बेटा, कनाडा का प्रेमी, सच्चाई का पैरोकार, न्याय के लिए लड़ने वाला। दबे-कुचलों और शोषितों की आवाज, तारिक फतेह नहीं रहे। उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे।
फतह इस्लाम पर अपने प्रगतिशील विचारों और पाकिस्तान पर उग्र रुख के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अक्सर भारत में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपना समर्थन व्यक्त किया। 1949 में पाकिस्तान में जन्मे फतह 1980 के दशक की शुरुआत में कनाडा चले गए और कनाडा में एक राजनीतिक कार्यकर्ता, पत्रकार और टेलीविजन होस्ट के रूप में काम किया और कई किताबें लिखीं। तारिक फतह खुद को हिंदुस्तानी कहते थे। वह पाकिस्तान को भी भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानते थे। वह भारत के विभाजन के खिलाफ लगातार बोलते रहते थे। भारतीय संस्कृति से बेहद ही प्यार करते थे। सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता खूब थी।
Lion of Punjab. Son of Hindustan. Lover of Canada. Speaker of truth. Fighter for justice. Voice of the down-trodden, underdogs, and the oppressed.@TarekFatah has passed the baton on… his revolution will continue with all who knew and loved him.