पश्चिम बंगाल भाजपा के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बुधवार को राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस से मुलाकात की और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था की शिकायत की तथा उनसे स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ग्रामीण चुनाव सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
मजूमदार, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ राजभवन में बोस से मिले और उन्हें बताया कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) द्वारा विपक्षी कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिंसा का शिकार बनाया जा रहा है।
मुलाकात के बाद मजूमदार ने पत्रकारों से कहा, “हमने राज्यपाल से राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को देखने का अनुरोध किया है। राज्य में कानून-व्यवस्था बद से बदतर हो गई है तथा विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं को सत्तारूढ़ टीएमसी के कोप का सामना करना पड़ रहा है। जैसे-जैसे ग्रामीण चुनाव करीब आ रहे हैं, सत्तारूढ़ दल ने भाजपा कार्यकर्ताओं के विरूद्ध आतंक फैला रखा है।”
उन्होंने कहा, “हमने राज्यपाल से राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष पंचायत चुनाव सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है। पश्चिम बंगाल में राज्य पुलिस के तहत स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान संभव नहीं है।”
तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को “निराधार” करार दिया।
टीएमसी के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, “भाजपा जानती है कि वह राज्य में पंचायत चुनाव हार जाएगी और वह इसलिए बहाने बना रही है।”
वर्ष 2013 के पंचायत चुनाव में केंद्रीय बलों ने राज्य के हर मतदान केंद्र पर काम किया था और टीएमसी ने 80 प्रतिशत से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी।
पांच साल बाद 2018 में, सत्तारूढ़ दल ने 90 प्रतिशत पंचायत सीटों और राज्य के सभी 20 जिला परिषदों पर जीत हासिल की। हालांकि, ग्रामीण चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंसा और कदाचार हुआ था तथा विपक्ष ने तब आरोप लगाया था कि उसे राज्य भर में कई सीटों पर नामांकन दाखिल करने की अनुमति नहीं दी गई थी।
बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली के तहत, 20 जिला परिषदों में 825 सीटें, पंचायत समितियों में 9217 और ग्राम पंचायतों में 48649 सीटें हैं।