Breaking News

पीजीआई-चंडीगढ़ के नेहरू अस्पताल ब्लॉक में आग लगी, 400 से अधिक मरीजों को सुरक्षित निकाला गया

पीजीआईएमईआर-चंडीगढ़ अस्पताल के नेहरू ब्लॉक की एक मंजिल पर सोमवार देर रात आग लग गई, जिसके बाद वहां भर्ती 400 से अधिक मरीजों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आग पर काबू पाने के लिए 11 अग्निशमन वाहनों को लगाया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि आग पहली मंजिल पर स्थित कंप्यूटर कक्ष के ‘‘यूपीएस सिस्टम’’ में सोमवार को रात करीब 11.45 बजे लगी और इससे निकला धुआं ऊपरी मंजिलों तक पहुंच गया।
निकाले गए मरीजों में गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) से 34 रोगी और 80 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। बाल चिकित्सा वार्ड में भर्ती 73 बच्चों को भी सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया।

अधिकारियों के मुताबिक, दमकल कर्मी फौरन मौके पर पहुंचे और कुछ देर बाद आग पर काबू पा लिया।
उन्होंने बताया कि आग लगने की सूचना मिलने के बाद अग्निशमन विभाग, आपातकालीन सेवा, आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) की आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम तुरंत हरकत में आ गई।
पीजीआईएमईआर और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सभी मरीजों को तुरंत निकालकर सुरक्षित जगहों और अन्य वॉर्ड में स्थानांतरित कर दिया गया।
पीजीआईएमईआर के चिकित्सा अधीक्षक विपिन कौशल ने पीटीआई- को बताया, ‘‘हमने 424 मरीजों को निकाला। हमारे पास नेहरू अस्पताल में एक भवन है, जहां उनमें से कुछ को स्थानांतरित किया गया… चंडीगढ़ प्रशासन के सहयोग से पीजीआई में सभी ने एक टीम के रूप में काम किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन आग के कारण संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। मरम्मत कार्य शुरू किया जा रहा है।’’
अधिकारियों के मुताबिक, धुएं को बाहर निकालने और दम घुटने की किसी भी घटना से बचने के लिए ऊपरी मंजिलों की कुछ खिड़कियों के शीशे तोड़ दिए गए।
पीजीआईएमईआर ने एक बयान में कहा कि आग नेहरू अस्पताल के सी-ब्लॉक के कंप्यूटर कक्ष में लगी। इसमें कहा गया कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है।
बयान के मुताबिक, पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल, वरिष्ठ संकाय सदस्य, चिकित्सा अधीक्षक और प्रशासनिक अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे।
इसमें कहा गया कि मरीजों को नेहरू अस्पताल और उसके विस्तार ब्लॉक के दो अलग-अलग क्षेत्रों में स्थानांतरित किया गया।
बयान में कहा गया कि 60 मिनट के भीतर सभी मरीजों को निकाल लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई।

देर रात के बाद लगभग दो बजे, रोगी देखभाल से संबंधित सभी सेवाएं लगभग बहाल कर दी गईं।
इसमें कहा गया है कि आग के सटीक कारण का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने के लिहाज से डीन (अकादमिक) प्रोफेसर नरेश पांडा की अध्यक्षता में 14 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
नेहरू अस्पताल में कई वार्ड, सघन देखभाल इकाइयां, पुरुष और महिला चिकित्सा वार्ड, स्त्री रोग वार्ड, श्वसन आईसीयू और वृक्क प्रत्यारोपण इकाई मौजूद हैं।

Loading

Back
Messenger